सूरत : AMNS इंटरनेशनल स्कूल की तनिष्का राष्ट्रीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में "श्रेष्ठ वक्ता" बनीं

आईआईटी दिल्ली में आयोजित फ्रेंकनस्टाइन डिबेट टूर्नामेंट में लहराया परचम

सूरत : AMNS इंटरनेशनल स्कूल की तनिष्का राष्ट्रीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में

हजीरा-सूरत, 24 अप्रैल, 2025: AMNS इंटरनेशनल स्कूल, हजीरा-सूरत की कक्षा 9 की प्रतिभाशाली छात्रा तनिष्का देसाई ने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतिष्ठित फ्रेंकनस्टाइन डिबेट टूर्नामेंट में "श्रेष्ठ वक्ता" का खिताब जीतकर विद्यालय और शहर को गौरवान्वित किया है। इंडियन डिबेटिंग लीग द्वारा आयोजित इस वर्ष की प्रतियोगिता का फाइनल राउंड आईआईटी दिल्ली के परिसर में संपन्न हुआ।

"क्लाइमेट कॉल्स: ग्रोइंग पाई, श्रिंकिंग लाइव्स" थीम पर आधारित इस वार्षिक प्रतियोगिता में तनिष्का ने सीनियर वर्ग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। पूरी प्रतियोगिता के दौरान तनिष्का ने अपने असाधारण वक्तृत्व कौशल और गहन विश्लेषणात्मक क्षमता का परिचय दिया।

इस चुनौतीपूर्ण प्रतियोगिता की शुरुआत एक कठिन ऑनलाइन प्रारंभिक दौर से हुई थी, जिसमें पूरे देश के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। तनिष्का ने अपने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर राष्ट्रीय स्तर के शीर्ष 50 प्रतिभागियों में अपनी जगह सुनिश्चित की। इसके बाद उन्होंने सेमीफाइनल और फाइनल राउंड तक का शानदार सफर तय किया, जो ऑफलाइन माध्यम से आयोजित किए गए थे।

तनिष्का ने सेमीफाइनल और फाइनल दोनों ही राउंड में अपनी प्रभावशाली वक्तृत्व प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए न केवल "बेस्ट स्पीकर" का प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता, बल्कि "ओरिजिनल ओरैटरी" श्रेणी में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस शानदार प्रदर्शन के बदौलत वह राष्ट्रीय स्तर के शीर्ष 5 उत्कृष्ट वक्ताओं की सूची में भी शामिल होने में सफल रहीं।

तनिष्का की इस अभूतपूर्व सफलता पर AMNS इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या सुनिता मटू ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "हमें तनिष्का और उसकी इस शानदार उपलब्धि पर अत्यंत गर्व है। इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 'बेस्ट स्पीकर' का पुरस्कार जीतना उसकी कड़ी मेहनत, अटूट आत्मविश्वास, प्रभावशाली वक्तृत्व कौशल और विषय की गहरी समझ का स्पष्ट प्रमाण है। AMNS इंटरनेशनल स्कूल में हम सदैव अपने छात्रों को न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि उन्हें रचनात्मक गतिविधियों में भी आत्मविश्वास विकसित करने और उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।"