सूरत न्यू सिविल अस्पताल में विश्व हीमोफीलिया दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया
650 से अधिक रोगियों की सेवा कर रहा भारत का पहला 24 घंटे खुला हीमोफीलिया केयर सेंटर, मुफ्त उपचार और जागरूकता पर विशेष जोर
सूरत। विश्व हीमोफीलिया दिवस के अवसर पर न्यू सिविल अस्पताल स्थित हीमोफीलिया केयर सेंटर में जागरूकता और सेवा भाव से परिपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हीमोफीलिया सोसायटी सूरत चैप्टर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मरीजों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस अवसर पर अंगदान जागरूकता अभियान के प्रणेता दिलीप दादा देशमुख, नगरसेवक वृजेशभाई उनाडकट, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धारित्री परमार, मेडिकल डायरेक्टर डॉ. विजय शाह, आरएमओ डॉ. केतन नायक और गुजरात नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कड़ीवाला की विशेष उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में दिलीप दादा देशमुख ने कहा,"हीमोफीलिया को बीमारी नहीं बल्कि जीवन की एक चुनौती मानते हुए, मरीजों को हमेशा खुश रहना चाहिए। खुशमिजाज जीवन, योग और प्राणायाम इस बीमारी के लिए अदृश्य औषधि के समान हैं।"
उन्होंने बताया कि हीमोफीलिया का स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय पर निदान और उचित उपचार से रोगी सामान्य जीवन जी सकते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2012 में सरकारी अस्पतालों में हीमोफीलिया मरीजों को मुफ्त फैक्टर इंजेक्शन की सुविधा शुरू की थी, जिससे मरीजों को जीवन में नया सहारा मिला।
डॉ. विजय शाह ने बताया कि हीमोफीलिया एक वंशानुगत रक्त विकार है, जिसमें खून में थक्का बनाने वाले कारकों की कमी हो जाती है। खासकर फैक्टर 8 और 9 की कमी से यह रोग उत्पन्न होता है।
डॉ. धारित्री परमार ने कहा कि सूरत का यह केयर सेंटर दक्षिण गुजरात ही नहीं, अन्य राज्यों से भी मरीजों को आकर्षित करता है। इसे और अधिक उन्नत बनाया जाएगा।
इकबाल कड़ीवाला ने बताया कि न्यू सिविल अस्पताल का यह केंद्र हीमोफीलिया रोगियों के लिए वरदान बन चुका है, जहां 30 हजार से 1 लाख रुपये तक की दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।
सूरत में 650 से अधिक हीमोफीलिया मरीज, जबकि गुजरात में यह संख्या 2,400 से अधिक।न्यू सिविल अस्पताल का केयर सेंटर गुजरात का एकमात्र समर्पित केंद्र, जो 2015 से संचालित है।यह भारत का पहला 24 घंटे संचालित हीमोफीलिया सेंटर है।केंद्र पर सभी जरूरी रक्त परीक्षण और फैक्टर इंजेक्शन मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं।
कार्यक्रम में मरीजों और उनके परिजनों ने भी अनुभव साझा किए। नीलेश जरीवाला (अध्यक्ष), नीनाबेन देसाई (कोषाध्यक्ष) तथा कई अन्य मेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ की उपस्थिति रही। निहाल भटवाला जैसे रोगी स्वयं इस केंद्र में सेवाएं दे रहे हैं।
नगरसेवक वृजेश उनाडकट ने राज्य सरकार का ध्यान आवश्यक संसाधनों की ओर दिलाया और आश्वासन दिया कि समाज सेवा एवं जनहित में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।