सूरत में अमरनाथ यात्रा के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र जारी होना शुरू
11 अप्रैल से शुरू हुई प्रक्रिया, वरिष्ठ नागरिकों और हृदय रोगियों के लिए विशेष सावधानी आवश्यक
सूरत। आगामी अमरनाथ यात्रा 2025, जो 3 जुलाई से 9 अगस्त तक आयोजित की जाएगी, के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया 11 अप्रैल से सूरत में शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया अगले दो महीनों तक चलेगी और इसमें हिस्सा लेने के इच्छुक यात्रियों को स्वास्थ्य जांच के बाद ही यात्रा के लिए पात्र माना जाएगा।
इस वर्ष यात्रा पर जाने वालों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है। सूरत के नई सिविल अस्पताल और स्मीमेर अस्पताल में यह प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है। नई सिविल अस्पताल के परिसर में स्थित पुराने एमआईसीयू में यह संपूर्ण प्रक्रिया संचालित हो रही है, जहां पर यात्रियों की सुविधा के लिए केस पेपर विंडो, प्रयोगशाला, ईसीजी मशीन, डॉक्टर और अन्य स्टाफ को तैनात किया गया है।
स्वास्थ्य परीक्षण के अंतर्गत यात्रियों को मूत्र जांच अनिवार्य रूप से करवानी होगी। 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए ईसीजी भी जरूरी है। यदि किसी यात्री को कोई स्वास्थ्य समस्या पाई जाती है, तो उसे आगे मेडिसिन विभाग में भेजा जाएगा। सभी जांच और प्रमाणपत्र निःशुल्क प्रदान किए जा रहे हैं।
फिटनेस सर्टिफिकेट लेने आए नितिनभाई ने बताया,"मैं पिछले कई वर्षों से अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहता था, लेकिन परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं। इस बार भगवान ने अवसर दिया है।"वे सुबह 6 बजे से सिविल अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन भारी भीड़ के कारण कुछ अव्यवस्था का अनुभव हुआ।
वहीं, सूरेशभाई, जो लगातार सात वर्षों से अमरनाथ यात्रा कर रहे हैं, ने कहा,"यह मेरी आठवीं यात्रा होगी। यहाँ व्यवस्था अच्छी है, लेकिन भीड़ की वजह से थोड़ी परेशानी होती है, जो स्वाभाविक है।"
जयाबेन व्यास, जो वर्षों से यात्रा की इच्छुक थीं, ने भावुक होकर कहा,"पति और सास की देखभाल में व्यस्त रहने के कारण पहले नहीं जा सकी। लेकिन अब भगवान की कृपा से यह अवसर मिला है।"
उन्होंने सुझाव दिया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग लाइन या काउंटर की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि भीड़-भाड़ में उन्हें चोट न लगे।
सूरत के अलावा, अहमदाबाद और वडोदरा के सरकारी अस्पतालों में भी अमरनाथ यात्रियों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। सभी स्थानों पर यह प्रक्रिया एक ही तरह से संचालित की जा रही है, ताकि यात्रियों को परेशानी न हो और वे सुरक्षित और सफल यात्रा कर सकें।