डुमस तट पर रखा जाएगा INS सूरत का 2000 किलोग्राम वजनी मॉडल, 30 फीट लंबी प्रतिकृति के लिए बनेगा 5000 किलो भार सहन करने वाला फाउंडेशन
सूरत: भारतीय नौसेना के बेड़े में सूरत शहर के नाम पर शामिल INS सूरत युद्धपोत अब शहरवासियों के लिए गर्व का प्रतीक बनने जा रहा है। सूरत के डुमस तट पर इस युद्धपोत की 2000 किलोग्राम वजनी प्रतिकृति स्थापित की जाएगी। इसके लिए सी-फेस परियोजना स्थल पर 6 पाइल्स वाला विशेष फाउंडेशन तैयार किया जाएगा, जो 5000 किलोग्राम तक का वजन सहन करने में सक्षम होगा।
यह फाउंडेशन लगभग 30 लाख रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा, जिसके प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए इसे आगामी शुक्रवार को स्थायी समिति की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
लंबाई और ऊंचाई: प्रतिकृति 30 फीट लंबी और 3 फीट ऊंची होगी
युद्धपोत जहाज को बड़ी ही गंभीरता और तुष्टिगुड तरीके से तैयार करने की फिराक में है जिससे मजबूती और बुनियादी ढांचा में तब्दील हो सके। स्टील और फाइबर कंपोजिट से बनाया जाएगा और स्टील बेस पर व्यवस्थित कर ग्लास कैबिनेट में सुरक्षित रखा जाएगा।
फाउंडेशन की सतह पर 11 मिमी मोटी ग्रेनाइट और संगमरमर की परत होगी, जिसकी कुल लंबाई 38 फीट होगी।
सुरक्षा और सुंदरता के प्रति प्रतिकृति के चारों ओर स्टेनलेस स्टील की चेन लगाई जाएगी और रात्रि में प्रकाश व्यवस्था व सजावट की जाएगी। और आसपास का रास्ता नींव के चारों ओर 2 फीट चौड़ा रास्ता बनाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक परियोजना की कुल लागत: इस भव्य स्थापना को सी-फेस परियोजना की कुल 166.17 करोड़ रुपये की पूंजीगत लागत में से किया जाएगा, जिसमें केवल फाउंडेशन पर 30 लाख रुपये खर्च होंगे। यह कदम न केवल भारतीय नौसेना की गौरवशाली विरासत को सम्मानित करेगा, बल्कि शहर के तटीय सौंदर्य को भी एक नया आकर्षण प्रदान करेगा।
महाराष्ट्र आई एन एस सूरत सहित नौसेना के बीच एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें देश के प्रधानमंत्री ने नौ सेना को यह भेट सौंपा।प्रधानमंत्री ने नौ सेना को युद्धपोत सौंप कर एक बहुत बड़ा सम्मान दिया है,वही मोदी ने समारोह में सूरत शहर वासियों के भी बखान किया।