सूरत में 30 मार्च को हीरा श्रमिकों की हड़ताल: मजदूरी वृद्धि और सरकारी सहायता की मांग

हीरा श्रमिकों की आर्थिक स्थिति बदतर, हड़ताल और रैली की तैयारियां

सूरत में 30 मार्च को हीरा श्रमिकों की हड़ताल: मजदूरी वृद्धि और सरकारी सहायता की मांग

सूरत। सूरत के हीरा श्रमिकों ने 30 मार्च 2025 को हड़ताल और एकता रैली की घोषणा की है। इस आंदोलन का उद्देश्य वेतन और मूल्य वृद्धि के साथ-साथ सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करना है।

नोटबंदी, कोरोना काल और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते हीरा उद्योग प्रभावित हुआ है, जिससे श्रमिकों की आर्थिक स्थिति गंभीर बनी हुई है।परिवार की आर्थिक तंगी के कारण कई श्रमिक आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। श्रमिकों की मांग है कि सरकार उनके लिए एक विशेष योजना की घोषणा करे।

हीरा बाजारों और कारखानों में बैनर लगाए गए हैं।सोशल मीडिया पर वीडियो अपील जारी कर अधिकतम श्रमिकों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की जा रही है।कतारगाम क्षेत्र में ढोल बजाकर श्रमिकों को रैली में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

"रत्नकारगर एकता रैली" कतारगाम से कापोद्रा हीरा बाग तक निकाली जाएगी।शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा, जिसके लिए पुलिस से अनुमति मांगी गई है।अगर जरूरत पड़ी तो 10 दिन तक हड़ताल जारी रहेगी।

मजदूरी में बढ़ोतरी, महंगाई को देखते हुए वेतन वृद्धि, सरकार से वित्तीय सहायता योजना लागू करने की मांग, बैंक ऋण की किश्तों में राहत, बच्चों की शिक्षा और मकान किराए में मदद हीरा श्रमिकों की प्रमुख मांगें है।

हीरा श्रमिक संघ के उपाध्यक्ष भावेश टांक ने कहा कि इस हड़ताल में सभी का सहयोग जरूरी है। संगठन मजबूत रहेगा तो श्रमिकों के हक की लड़ाई लड़ी जा सकेगी। अब समय आ गया है कि सभी एक साथ आएं और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं।

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