न्यायमूर्ति वर्मा के आवास से नकदी मिलने की घटना पर प्राथमिकी दर्ज करने की अपील न्यायालय ने खारिज की

न्यायमूर्ति वर्मा के आवास से नकदी मिलने की घटना पर प्राथमिकी दर्ज करने की अपील न्यायालय ने खारिज की

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका को ‘‘समय से पहले’’ दायर की गई याचिका बताते हुए खारिज कर दिया जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकद राशि मिलने के मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि आंतरिक जांच जारी है और इसका निष्कर्ष निकलने पर भारत के प्रधान न्यायाधीश के पास कई विकल्प खुले होंगे।

पीठ ने अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुम्परा और तीन अन्य की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘एक बार आंतरिक जांच पूरी हो जाने के बाद सभी तरह के संसाधन उपलब्ध होंगे। यदि आवश्यक हुआ तो प्रधान न्यायाधीश प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दे सकते हैं। हमें आज इस पर क्यों विचार करना चाहिए?’

न्यायमूर्ति वर्मा के लुटियन्स दिल्ली स्थित आवास में 14 मार्च की रात करीब 11 बजकर 35 मिनट पर आग लगने के बाद वहां कथित रूप से बड़ी मात्रा में नकद राशि पाई गई थी।