सूरत : विश्व टीबी दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
ओलपाड और संधीर स्वास्थ्य केंद्रों पर नुक्कड़ नाटक और पोस्टर प्रदर्शनी के जरिए टीबी उन्मूलन का संदेश
सूरत : हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य टीबी (तपेदिक) जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना और इसके उन्मूलन के लिए प्रभावी कदम उठाना है। इसी कड़ी में ओलपाड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और संधीर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में ओलपाड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. विभूति चौधरी और डॉ. केतन पटेल तथा संधीर स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुज्जर की उपस्थिति रही।
गुजरात नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कड़ीवाला ने अपने प्रेरक भाषण में टीबी की रोकथाम और उपचार के महत्व को रेखांकित किया।
सरकार द्वारा ‘हाँ! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं’ अभियान के तहत निक्षय पोषण योजना चलाई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य टीबी मरीजों को उचित आहार और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, रोगियों को मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए काउंसलिंग देना और टीबी के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना है।
इकबाल कड़ीवाला ने बताया कि टीबी से बचाव के लिए नियमित दवाइयों के सेवन और प्रोटीन-विटामिन युक्त आहार अत्यंत आवश्यक है।टीबी के लक्षण और बचाव लगातार दो सप्ताह से अधिक खांसी आना। सीने में दर्द और बलगम में खून आना। भूख न लगना और तेजी से वजन घटना। रात में पसीना आना और हल्का बुखार रहना।
टीबी का सही समय पर इलाज न होने पर यह रोग दुबारा उभर सकता है और अधिक खतरनाक हो सकता है।
कार्यक्रम के दौरान टीबी की रोकथाम, उपचार, पोषण आहार और टीकाकरण पर केंद्रित नुक्कड़ नाटक और स्वास्थ्य पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। टीबी के प्रति लोगों को सतर्क करने के लिए विद्यार्थियों को जानकारी दी गई।ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निःशुल्क टीबी जांच की सुविधा के बारे में बताया गया।
इस अवसर पर टी. एंड टी. किरण डोमडिया (नर्सिंग संस्थान की प्राचार्य), सामुदायिक नर्सिंग विभाग के प्रोफेसर और संकाय सदस्य, टी. एंड टी. वी. नर्सिंग संस्थान के प्रथम वर्ष के जीएनएम नर्सिंग छात्र, स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारी और कर्मचारी कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य टीबी रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना, सही समय पर इलाज को प्रोत्साहित करना और मरीजों को मानसिक रूप से मजबूत बनाना था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने टीबी उन्मूलन के लिए नियमित दवा सेवन, संतुलित आहार और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने पर जोर दिया।
इस तरह के जागरूकता अभियान टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होंगे।