सूरत : सूरत के हीरा व्यापारियों को एक बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके बैंक खातों को साइबर धोखाधड़ी के मामलों के चलते फ्रीज कर दिया गया है। यह कार्रवाई हैदराबाद और बेंगलुरु पुलिस के निर्देश पर की गई, जिससे 30 प्रमुख हीरा कंपनियों के करोड़ों रुपये फंसे हुए हैं।
सूरत की कंपनियों ने हैदराबाद और बेंगलुरु की कंपनियों से व्यापार किया था।इन कंपनियों में से कुछ साइबर धोखाधड़ी में शामिल पाई गईं।स्थानीय पुलिस ने जांच के दौरान सूरत की कंपनियों के बैंक खाते फ्रीज करने का आदेश दिया।बैंकों ने बिना पूर्व सूचना के सूरत की कंपनियों के खाते ब्लॉक कर दिए।
भारतीय हीरा संस्थान (GII) के चेयरमैन और हीरा उद्योगपति दिनेश नावडिया ने कहा"हमारी कंपनी भी उन 30 कंपनियों में शामिल है, जिनके खाते फ्रीज किए गए हैं। सूरत की कंपनियां ईमानदारी से व्यापार कर रही हैं, लेकिन दूसरे राज्यों की पुलिस बिना जांच के हमारे खातों को फ्रीज करवा रही है। हम इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे।"
राज्यसभा सांसद गोविंदभाई ढोलकिया पहले ही इस मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं। हीरा व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर स्थायी समाधान की मांग करेगा। इससे पहले, जब राकेश अस्थाना पुलिस कमिश्नर थे, तब यह तय हुआ था कि केवल धोखाधड़ी की रकम को फ्रीज किया जाएगा, बाकी रकम का उपयोग कंपनियां कर सकती हैं।
बैंक खातों के फ्रीज होने से व्यापारियों की नकदी अटक गई है, जिससे उनका दैनिक लेन-देन प्रभावित हो रहा है। अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो सूरत के हीरा उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है। व्यापारियों की मांग है कि जब तक किसी कंपनी पर सीधे धोखाधड़ी का आरोप साबित न हो, तब तक उसके खाते फ्रीज न किए जाएं।
इस घटना ने सूरत के हीरा उद्योग को बड़ा झटका दिया है। व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद इस समस्या का कोई स्थायी समाधान निकलेगा। यदि जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो सूरत के एमएसएमई सेक्टर और हीरा उद्योग पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है।