सूरत : शिवशक्ति मार्केट अग्निकांड: राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से व्यापारियों की मदद की मांग

राज्यसभा में शक्तिसिंह गोहिल ने उठाया मुद्दा, सरकार से मदद की अपील

सूरत : शिवशक्ति मार्केट अग्निकांड: राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से व्यापारियों की मदद की मांग

सूरत : सूरत के कपड़ा बाजार में हाल ही में लगी भीषण आग के मुद्दे को राज्यसभा में उठाते हुए शक्तिसिंह गोहिल ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से व्यापारियों की मदद की मांग की है। उन्होंने कहा कि कपड़ा व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है और सरकार को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।

सूरत के रिंगरोड स्थित शिवशक्ति टेक्सटाईल मार्केट में आग की घटना का विवरण इस प्रकार है। 26 फरवरी, 2025 को सुबह 7 बजे आग लगी। 27 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक आग पर काबू पाया गया। आग बुझाने में 32 घंटे लगे और 40 लाख लीटर से अधिक पानी का इस्तेमाल हुआ। व्यापारियों का करोड़ों रुपये का सामान जलकर राख हो गया। 

शक्तिसिंह गोहिल ने राज्यसभा में 18-03-2025 को शुन्यकाल के दौरान मांग की है कि सूरत में शिवशक्ति मार्केट के प्रभावित व्यापारियों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से सहायता प्रदान की जाए। अधिकारियों की आपराधिक लापरवाही की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
 भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित सुरक्षा इंतजाम किए जाएं। जिन व्यापारियों के पास बीमा नहीं है या पर्याप्त बीमा नहीं है, उनकी सरकार द्वारा मदद की जाए।

शक्तिसिंह गोहिल ने आगे कहा कि यह घटना अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है।सरकार को व्यापारियों के साथ खड़ा होना चाहिए।सूरत जैसे आर्थिक राजधानी वाले शहर में सुरक्षा के उचित इंतजाम होने चाहिए। कपड़ा उद्योग से हमें विदेशी मुद्रा मिलती है और लोगों को रोजगार मिलता है।

शक्तिसिंह गोहिल ने सूरत में अतीत में हुई ऐसी आग की घटनाओं का भी जिक्र किया, जैसे 29 मई 2014 को ऑर्चिड टवर कपड़ा बाजार में लगी आग और जनवरी 2020 में रघुवीर सिलियम टेक्सटाइल मार्केट में लगी आग। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

यह घटना सूरत के कपड़ा व्यापारियों के लिए एक बड़ी त्रासदी है और सरकार से तत्काल सहायता की मांग करती है।

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