सूरत : नहरों में पानी की कमी से किसान परेशान, सिंचाई विभाग को सौंपा ज्ञापन

ओलपाड तालुका के किसानों ने की पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने की मांग, खड़ी फसलों के नुकसान का खतरा

सूरत : नहरों में पानी की कमी से किसान परेशान, सिंचाई विभाग को सौंपा ज्ञापन

सूरत। काकरापार दायां तट नहर प्रभाग की  सिंचित तटीय क्षेत्र के गांवों को सिंचाई के लिए ओलपाड तालुका के प्रभावित किसानों ने सिंचाई अधीक्षक, सिंचाई मंडल और कार्यकारी अभियंता, काकरापार दायां तट प्रभाग को एक याचिका प्रस्तुत कर अनुरोध किया कि तत्काल प्रभाव से पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जाए।

इस अवसर पर किसान एवं सहकारिता नेता दर्शनभाई नायक, दक्षिण गुजरात कृषक समाज के अध्यक्ष रमेशभाई पटेल, मनोजभाई गोस्वामी, हितेशभाई पटेल, बलदेवभाई पटेल (भेसान), केतनभाई देसाई, कल्पेशभाई पटेल, ठाकोरभाई पटेल (बरबोधन), किशोरभाई पटेल (सिथाणा), पंकजभाई पटेल, भरतभाई पटेल, नटवरभाई पटेल, विवेक पटेल, राजूभाई पटेल सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

ज्ञापन में हस्ताक्षर करने वाले किसान यह बताना चाहते हैं कि हाल ही में सूरत जिले के किसानों के लिए जीवन रेखा मानी जाने वाली सिंचाई विभाग की मुख्य नहर में बार-बार टूट-फूट होने के कारण सूरत जिले के अधिकांश क्षेत्रों में सिंचाई के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले पानी का चक्र बाधित हो गया और किसानों को अपनी कीमती खड़ी फसलों को बचाने के लिए भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा है।

लेकिन ऐसा नहीं लगता कि सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। मुख्य नहर टूटने के बाद से इतना समय बीत जाने के बावजूद ओलपाड तालुका के तटीय गांवों के किसानों को अभी भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।

उदाहरण के लिए काकरापार दांयी तट नहर प्रमंडल की बरबोधन माइनर, भांडुत माइनर, ओरमा माइनर और कुंदियाना माइनर नहरों के माध्यम से जिन गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी लिया जाता है, उन गांवों के किसानों को अभी भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।

इससे इन गांवों में हजारों हेक्टेयर भूमि पर उगाई गई धान और सब्जियों की खड़ी फसलों के साथ-साथ बागवानी फसलों के भी नष्ट होने का खतरा पैदा हो गया है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

उल्लेखनीय यह भी है कि खास बात यह है कि काकरापार डिवीजन की मुख्य नहर का मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद अन्य डिवीजनों की नहरों में पानी की आपूर्ति की जा रही है।

लेकिन ओलपाड तालुका के तटीय गांवों की नहरों में पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। अगर यह सच है तो किसानों के साथ हो रहा अन्याय किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह मामला बहुत गंभीर है।

हमारे किसानों की मांगों को ध्यान में रखते हुए हमारी भावना और मांग है कि बरबोधन माइनर, भांडुत माइनर, ओरमा माइनर और कुंडियाना माइनर नहरों में सिंचाई के लिए तत्काल प्रभाव से पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जाए ताकि हमारी बहुमूल्य खड़ी फसलों को समय पर पर्याप्त पानी मिल सके।
यदि किसानों को सिंचाई के लिए तत्काल पानी उपलब्ध नहीं कराया गया और उनकी खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं तो इसके लिए पूरी तरह आप जिम्मेदार होंगे।

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