सूरत : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले अंगदान ने छह लोगों को दी नई उम्मीद
डोनेट लाईफ संस्था की मदद से ब्रेनडेड महिला के दोनों हाथ, किडनी, लीवर और आंखें दान
सूरत : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक अनोखा दान देखने को मिला है, जिसने मानवता की नई परिभाषा लिख दी है। सूरत की अंजूबेन राजेशभाई नरोला (उम्र 49) जब ब्रेन डेड हो गईं, तो उनके परिवार ने एक हृदय विदारक निर्णय लिया और उनके दोनों हाथ, किडनी, लीवर और आंखें दान कर दीं। इससे छह लोगों को नई उम्मीद मिली, जिनमें दाहोद का एक 35 वर्षीय व्यक्ति भी शामिल था, जिसका दोहरा हाथ प्रत्यारोपण हुआ था।
डोनेट लाईफ संस्था के संस्थापक निलेशभाई मांडलेवाला ने जानकारी देते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक महिला बनी प्रेरणा का स्रोत बनी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले अंजूबेन का दान और परिवार का साहस पूरे समाज के लिए एक उदाहरण है। एक महिला, जो अब जीवित नहीं है, लेकिन अपने अंगों के माध्यम से छह लोगों के बीच रह रही है!
4 मार्च की सुबह जब अंजूबेन अपने दैनिक घरेलू कामों में व्यस्त थीं, तो अचानक वह बेहोश हो गईं। उनको तुरंत किरण अस्पताल में भर्ती कराने पर डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें गंभीर मस्तिष्क रक्तस्राव हुआ है। 6 मार्च को डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। तब अंजुबेन के पति, बेटे और परिवार ने एक बड़ा फैसला लिया। जब रिश्तेदार का शरीर जलकर राख ही बनने वाला है। तो फिर इसकी ऊर्जा दूसरों के जीवन में प्रकाश क्यों नहीं ला सकती? ऐसा कहते हुए, इस परिवार ने एक हृदयस्पर्शी अंगदान का निर्णय लिया।
दाहोद निवासी 35 वर्षीय व्यक्ति वडोदरा एमजीवीसीएल में लाइनमैन के पद पर कार्यरत था। जुलाई 2022 में युवक बाइंडर लगाने के लिए खंभे पर चढ़ गया। उस दौरान बिजली के झटके से उसके दोनों हाथ बुरी तरह जल गए और उन्हें काटना पड़ा। इस युवक के परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटियां और एक बेटा है। आज अंजूबेन के हाथ उनके लिए आशीर्वाद बन रहे हैं। सूरत के किरण अस्पताल में डॉ. अरविंद पटेल और उनकी टीम ने गुजरात में पहली बार दोहरा हाथ प्रत्यारोपण किया।
इससे पहले सूरत की डोनेट लाइफ संस्था ने 6 दिन में दूसरी बार हाथ दान करने का रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले एक व्यक्ति का हाथ प्रत्यारोपित किया गया था और अब अंजुबेन के दोनों हाथ एक नए जीवन के लिए वरदान बन रहे हैं।
ब्रेनडेड अंजुबेन के अंगदान से अलग-अलग लोगों में अलग-अलग अंग जीवित रहेगे। दोनों हाथ दाहोद के 35 वर्षीय व्यक्ति में प्रत्यारोपित किए। एक किडनी सूरत की 29 वर्षीय महिला में और दूसरी किडनी सूरत के 60 वर्षीय पुरूष में प्रत्यारोपित की गई। लीवर को सूरत निवासी 38 वर्षीय पुरुष में प्रत्यारोपण किया गया। आंखें का दो जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपण किया जायेगा। अंगदान समाज के लिए एक महान उदाहरण है।
डोनेट लाईफ संस्था ने अब तक सूरत से 528 किडनी, 229 लीवर, 55 हृदय, 52 फेफड़े, 9 अग्न्याशय, 8 हाथ और 419 आंखें दान की जा चुकी हैं, जिससे भारत और विदेशों में हजारों लोगों को नई उम्मीद मिली है।
टेक्सटाइल और डायमंड सिटी के नाम से मशहूर सूरत अब ऑर्गन डोनर सिटी के नाम से भी प्रसिद्ध हो रहा है। डोनेट लाइफ के प्रयासों और सूरत के लोगों की उदारता के परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में 1301 अंग और ऊतक दान किए गए हैं, जिनमें से 1197 व्यक्तियों को नया जीवन दिया गया है।