वन्या भट्ट: सूरत की बेटी बनी ब्रोडवे क्लासिक ड्रामा की 'माय फेयर लेडी'
बेंगलुरु, 6 मार्च: बेंगलुरु की क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में 1 और 2 मार्च को इन्टरनेशनल लेवल पर ब्रोडवे में होने वाले लर्नर और लोए के विख्यात ड्रामा माय फेयर लेडी नाटक का भव्य मंचन किया, जिसने दर्शकों को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया। चार अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में तैयार किए गए इस भव्य प्रोडक्शन को म्यूज़िक थिएटर इंटरनेशनल (MTI) के विशेष सहयोग से प्रस्तुत किया गया। इस शो का मुख्य आकर्षण वन्या भट्ट की एलाइज़ा डूलिटिल के रूप में प्रभावशाली प्रस्तुति रही, जिसे भरपूर सराहना मिली।
दोनों दिनों में हॉल दर्शकों से खचाखच भरा रहा। मंच पर प्रस्तुत अद्भुत कहानी, दमदार अभिनय और शानदार मंचीय प्रस्तुति ने सभी को प्रभावित किया। शो के अंत में, दर्शकों ने उत्साहपूर्वक खड़े होकर दोनो दिन स्टेन्डिंग ओवेशन दिया।
वन्या पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित गायिका है। वन्या भट्ट ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “मैं इस अविस्मरणीय अवसर के लिए अपने विश्वविद्यालय और शिक्षकों की अत्यंत आभारी हूँ। उनके मार्गदर्शन और समर्थन ने इसे मेरे लिए एक अविश्वसनीय अनुभव बना दिया। एलाइज़ा डूलिटिल की भूमिका निभाना चुनौतीपूर्ण और रोमांचक था, और मैं इस सफर की हर याद संजो कर रखूँगी।”
गुजरात के सूरत में पली बढी वन्या भट्ट एक प्रतिभाशाली गायिका और संगीतकार भी हैं। उन्होंने बचपन से ही संगीत तथा ड्रामा में रुचि ली और कई गायन प्रतियोगिताओं और मंचीय प्रस्तुतियों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा साबित की। सार्वजनिक युनिवर्सिटी की स्कोपा कोलेज से ड्रामा में डिप्लोमा किया। श्री नाथद्वारा के हवेली संगीत में भी अपना हुनर दिखाने वाली वन्या ने -बाजत आज बढ़ाई गोकुल में- जैसे 5 भक्ति संगीत गीतों का आलबम रीलिज किया है।
दर्शकों की ज़बरदस्त प्रतिक्रिया और दोनों रातों को मिले स्टैंडिंग ओवेशन ने इस प्रस्तुति के प्रभाव को सिद्ध किया । जब माय फेयर लेडी का पर्दा गिरा, तो भी तालियों की गूंज और प्रशंसा की गूंज देर तक सुनाई देती रही।
क्या है माय फेयर लेडी की कहानी?
My Fair Lady जॉर्ज बर्नार्ड शॉ के नाटक Pygmalion पर आधारित एक मशहूर ब्रॉडवे म्यूजिकल है, जिसकी रचना एलन जे. लर्नर और फ्रेडरिक लोए ने की थी। यह नाटक भाषा, समाज और आत्म-परिवर्तन की एक खूबसूरत कहानी प्रस्तुत करता है।
कहानी की नायिका, एलाइज़ा डूलिटिल, लंदन की एक साधारण फूल बेचने वाली युवती है, जिसकी भाषा और व्यवहार उसकी निम्न सामाजिक स्थिति को दर्शाते हैं। एक दिन, प्रोफेसर हेनरी हिगिंस, जो एक भाषाविद् हैं, उससे मिलते हैं और दावा करते हैं कि वे उसे सही उच्चारण और अभिजात्य वर्ग के तौर-तरीकों सिखाकर एक प्रतिष्ठित महिला बना सकते हैं।
एलाइज़ा अपने जीवन में सुधार लाने के लिए हिगिंस के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है। कड़ी मेहनत, निरंतर अभ्यास और कई उतार-चढ़ावों के बाद, वह एक खूबसूरत और आत्मनिर्भर महिला में बदल जाती है। जब वह समाज में एक उच्च दर्जे की महिला के रूप में पहचानी जाती है, तब उसे एहसास होता है कि उसकी वास्तविक पहचान क्या है और वह अपने आत्म-सम्मान के लिए संघर्ष करती है।
कहानी सिर्फ बाहरी रूप-रंग और समाज में ऊँचा दर्जा पाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह आत्म-परिवर्तन, आत्म-सम्मान और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की भी प्रेरक कहानी है। माय फेयर लेडी का संगीत, संवाद और भावनात्मक गहराई इसे एक कालजयी क्लासिक बनाते हैं।