सूरत : मांडवी में नहर टूटने से खेतों में जल भराव
खेतों में फसल बर्बाद होने से किसानों को मुआवजा देने की मांग
सूरत। सूरत जिले में मांडवी बांध के पास उष्केर गांव में नहर में बड़ी दरार आ गई है। नहर टूटने के कारण पानी आस-पास के खेतों तक पहुंचने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
स्थानिय किसान नेता एवं गुजरात प्रदेश कांग्रेस सचिव दर्शन नायक ने मुख्यमंत्री भुपेन्द्र पटेल किसानों को मुआवजा देने की मांग कि है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल एक हजार करोड के खर्च पर मरम्मत कर सिमेन्ट कोंक्रीट की बनाई गई यह नहर पहले भी टूट चुकी है। जिससे नहर की मरम्मत में भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है।
दर्शन नायक ने कहा कि सिंचाई विभाग की मुख्य नहर टूट गई है और लाखों लीटर पानी आसपास के खेतों में बहने से किसानों की बहुमूल्य फसलें नष्ट हो गईं, जोकि बहुत गंभीर मामला है। यह भी उल्लेखनीय है कि नहर को सीमेंट कोंक्रीट से मजबूत करने पर लगभग 1,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी नहर 12 बार टूट चुकी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि हर बार सूरत जिले के माडवी में ही मुख्य नहर क्यों टूट जाती है ।
दर्शन नायक ने मुख्य मंत्री से कहा कि किसानों को सही मात्रा में और सही समय पर सिंचाई का पानी मिले, इस शुभ इरादे से सरकार सिंचाई विभाग की नहरों की मरम्मत और उन्हें सीमेंट और कोंक्रीट से मजबूत करने के लिए एजेंसी को करोड़ों रुपये का भुगतान कर रही है। लेकिन एजेंसी ने टेंडर शर्तों और सरकारी नीतियों के अनुसार काम नहीं किया है, नहर टूटने की ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। इस मामले की जांच होने पर ही सच्चाई सामने आ सकती है।
इस समय पूरे इलाके में धान, गन्ना और सब्जियों की फसल का सीजन चल रहा है। स्वाभाविक रूप से सूरत जिले के मांडवी तालुका के उष्कर गांव में नहर में दरार आने से इस पूरे इलाके में सिंचाई का पानी पहुंचने में बाधा उत्पन्न हो गई है, जिससे पूरे इलाके में धान, गन्ना और सब्जियों की खेती करने वाले किसान चिंतित हो गए हैं।
उपरोक्त निवेदन को ध्यान में रखते हुए सिंचाई विभाग की मुख्य नहर के बार-बार टूटने की जांच करने तथा कार्य में लापरवाही बरतने वाली एजेंसी को काली सूची में डालने की कृपा करें। साथ ही सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई करें, जिन्होंने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती है। साथ ही जनहित में किसानों की कीमती फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराने तथा उन्हें हुए नुकसान का मुआवजा दे।