सूरत : एसजीसीसीआई ने यूपीएससी और जीपीएससी छात्रों के लिए सेमिनार आयोजित

गुजरात लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष,  हसमुख पटेल और विजय सिंह गुर्जर (आईपीएस) डीसीपी सूरत ने मार्गदर्शन दिया

सूरत : एसजीसीसीआई ने यूपीएससी और जीपीएससी छात्रों के लिए सेमिनार आयोजित

सूरत । दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने रविवार को रंग भवन, जीवन भारती स्कूल, नानपुरा, सूरत में ‘राष्ट्र प्रथम: यूपीएससी और जीपीएससी परीक्षा की तैयारी कैसे करें?’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें गुजरात लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष,  हसमुख पटेल (आईपीएस (सेवानिवृत्त) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे और उन्होंने छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते समय ध्यान रखने योग्य बातों के बारे में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।  विजय सिंह गुर्जर (आईपीएस), पुलिस उपायुक्त, जोन -4, सूरत शहर, जिन्होंने सेमिनार को विशेष अतिथि के रूप में सुशोभित किया और छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने सेमिनार में सभी का स्वागत किया तथा स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन के पीछे चैंबर का उद्देश्य गुजरात के युवाओं को शासन में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना है। सूरत अपनी उद्यमशीलता की भावना के लिए जाना जाता है, लेकिन चैंबर अब गुजरात के युवाओं को नीतियां बनाते, विविध समुदायों का नेतृत्व करते और भारत की प्रगति में योगदान करते देखना चाहता है। आज के युवा न केवल कल का भविष्य हैं, बल्कि आज का वर्तमान भी हैं। उन्हें उच्च पदस्थ अधिकारी बनकर नीतियों को आकार देने, कानून और व्यवस्था बनाए रखने, लोगों को न्याय दिलाने तथा वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

जीपीएससी के अध्यक्ष हसमुख पटेल ने कहा कि यूपीएससी और जीपीएससी को केवल कैरियर के उद्देश्य से नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि दूरदराज के गांवों के लोगों तक पहुंचने वाले कार्य के उद्देश्य से भी देखा जाना चाहिए। जब जीपीएससी अपनी वेबसाइट पर उत्तर पुस्तिकाएं पोस्ट करता है, तो छात्रों को अतीत में टॉप करने वाले छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं देखनी चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को प्रत्येक विषय का गहराई से अध्ययन करना चाहिए। प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों की तैयारी एक साथ करनी चाहिए। साक्षात्कार की तैयारी करते समय छात्रों को जीवन में अच्छे मूल्यों, कमजोर वर्गों के प्रति व्यवहार और सार्वजनिक जीवन में उनके व्यवहार के बारे में सोचकर सुधार करना चाहिए। जब भी हम परीक्षा और साक्षात्कार के लिए जाएं तो हमें केवल तैयारी पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने कॉलेज के दिनों की एनसीईआरटी की किताबें पढ़नी चाहिए और तय करना चाहिए कि वे कौन सी प्रतियोगी परीक्षा देना चाहते हैं। यदि प्रतियोगी परीक्षा में सफल होना आवश्यक न भी हो, तो भी निराश हुए बिना प्लान बी तैयार रखना चाहिए। छात्रों को सकारात्मक दृष्टिकोण, कृतज्ञता, मौज-मस्ती, योग और ध्यान के साथ-साथ प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। छात्रों को नोट्स लिखने में बहुत अधिक समय बर्बाद करने के बजाय पुस्तक को पढ़कर और रेखांकित करके अधिक अध्ययन पर जोर देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि साक्षात्कार में मूल्यांकन पद्धति विद्यार्थी की गुणवत्ता की जांच करना है, इसलिए उन्हें हमेशा सच बोलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यह विचार बदलना होगा कि सिर्फ नौकरी मिल जाने से सफलता मिल जाती है।

सूरत के पुलिस उपायुक्त विजय सिंह गुर्जर ने कहा कि विद्यार्थियों को यह विश्लेषण करना चाहिए कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल क्यों हुए तथा अगली परीक्षा में इस पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भरे जाने वाले फॉर्मों की संख्या बहुत बड़ी है, लेकिन वास्तव में कुल अभ्यर्थियों में से केवल 10 प्रतिशत ही प्रतियोगी होते हैं। छात्रों को यूपीएससी और जीपीएससी विषयों के सभी टॉपिक्स याद करने चाहिए। एनसीईआरटी पुस्तक के साथ-साथ आपको प्रत्येक विषय के लिए एक पुस्तक का चयन करना चाहिए और केवल उसे ही पढ़ना चाहिए। प्रत्येक विषय के लिए दस से पंद्रह कीवर्ड बनाए जाने चाहिए और मुख्य परीक्षा में उन पर लिखना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि छात्रों को हर सप्ताह एक निबंध लिखना चाहिए। परीक्षा में सफलता पाने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग यथासंभव कम करना चाहिए। आपको यूट्यूब पर वीडियो को शॉर्टलिस्ट करके उनका अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को कोचिंग की अपेक्षा स्व-अध्ययन पर अधिक ध्यान देने तथा केवल कमजोर विषयों के लिए ही कोचिंग लेने की सलाह दी।

चैंबर के मानद मंत्री  नीरव मंडलेवाला ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की प्रगति उसके युवाओं पर निर्भर करती है। सूरत को जहां हीरे, कपड़ा, सौर ऊर्जा, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और स्टार्ट-अप्स के केंद्र के रूप में जाना जाता है, वहीं सूरत भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं का भी केंद्र बन सकता है।
चैंबर के उपाध्यक्ष  निखिल मद्रासी ने कार्यक्रम में आने के लिए उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया। चैम्बर के समूह अध्यक्ष मनीष कपाड़िया ने हसमुख पटेल का परिचय कराया। जबकि समूह के अध्यक्ष डॉ. अनिल सरावगी ने विजय सिंह गुर्जर का परिचय कराया तथा कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में चैंबर के मानद कोषाध्यक्ष मृणाल शुक्ला, दिशा फाउंडेशन के ट्रस्टी दिनेश पटेल, चैंबर की शैक्षिक एवं अकादमिक समिति के सलाहकार अजीत शाह एवं छात्र उपस्थित थे। वक्ताओं ने विद्यार्थियों के विभिन्न प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर दिए और फिर कार्यक्रम समाप्त हो गया।