सूरत : शिव शक्ति टेक्सटाइल मार्केट आग : कांग्रेस द्वारा व्यापारियों के लिए राहत पैकेज की मांग

आग से सैकड़ों दुकानों का भारी नुकसान, अन्य भाषा भाषी सेल कन्वीनर ओमप्रकाश ने मुख्यमंत्री से की मुआवजे की अपील

सूरत : शिव शक्ति टेक्सटाइल मार्केट आग : कांग्रेस द्वारा व्यापारियों के लिए राहत पैकेज की मांग

सूरत।  सूरत के रिंग रोड स्थित शिव शक्ति टेक्सटाइल मार्केट में पिछले तीन दिनों से भीषण आग लगी हुई है, जिससे सैकड़ों व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। आग की चपेट में 853 दुकानों वाला यह मार्केट लगभग पूरी तरह जलकर खाक हो चुका है। इस घटना में एक व्यक्ति की दुखद मृत्यु भी हुई है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से किसी मुआवजे की घोषणा नहीं की गई है।

शिव शक्ति मार्केट में लगी आग ने आसपास के अन्य 100 से अधिक मार्केटों को भी प्रभावित किया है, जिससे हजारों व्यापारियों और मजदूरों का रोजगार संकट में आ गया है। मजदूरों के लिए रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि वे प्रतिदिन की कमाई पर निर्भर रहते हैं।

फायर ब्रिगेड की लगातार कोशिशें जारी है।सूरत फायर ब्रिगेड की टीमें पिछले 48 घंटों से आग पर काबू पाने के प्रयास में जुटी हुई हैं, लेकिन अभी तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आई है। आग बुझाने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन भीषण लपटें बार-बार विकराल रूप ले रही हैं, जिससे राहत कार्य प्रभावित हो रहा है।

कांग्रेस पार्टी ने इस भयावह घटना को लेकर सरकार से तुरंत राहत पैकेज जारी करने की मांग की है। कांग्रेस के अन्य भाषा-भाषी सेल सूरत के कन्वीनर ओमप्रकाश गोयल ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से व्यापारियों और मजदूरों के लिए मुआवजे की अपील की है।

 कांग्रेस का कहना है कि वह हमेशा व्यापारियों और मजदूरों के हित में खड़ी रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस इस अग्निकांड से प्रभावित व्यापारियों को भी राहत दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

अन्य भाषा भाषी सेल सूरत के कन्वीनर ओमप्रकाश गोयल ने मांग की है कि  पीड़ित व्यापारियों के लिए एमएसएमई योजना के तहत विशेष राहत दी जाए। 10 साल का वेरा बिल व बिजली बिल माफ किया जाए। मार्केट का इंफ्रास्ट्रक्चर यदि सही नहीं है, तो सरकार नए निर्माण में सहायता करे। व्यापार फिर से शुरू करने के लिए बिना ब्याज और सब्सिडी के साथ लोन दिया जाए। मजदूरों, लारी वालों, पैकिंग कर्मियों के लिए भी सरकार विशेष राहत पैकेज जारी करे।

इस अग्निकांड ने न सिर्फ व्यापारियों को आर्थिक संकट में डाला है, बल्कि हजारों मजदूरों के रोजगार पर भी संकट खड़ा कर दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार कब तक पीड़ित व्यापारियों और मजदूरों की मदद के लिए आगे आती है।

 

 

 

 

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