सूरत : एमएसएमई एक्ट से छोटे एवं मझोले कपड़ा व्यापारी प्रभावित
इन दिनों मात्र 30 से 40 प्रतिशत ही हो रहा कारोबार
एमएसएमई एक्ट का सीधा प्रभाव छोटे एवं मझोले कारोबारी पर देखने को मिल रहा है। हाल के दिनों में कपड़ा मार्केट में किसी प्रकार की कोई चहल पहल नहीं देखी जा रही है। जहां एक और बड़े कारोबारी अपना माल स्टाक करने की तैयारी शुरू कर दी है, वहीं छोटे एवं मझोले कारोबारी 15 -20 दिनों से माल बनाना ही बंद कर दिये हैं।
सरोली मार्केट के चुनरी कारोबारी धीरज गुप्ता ने बताया कि हाल में किसी तरह की कोई ग्राहकी नहीं है। जहां एक हम जैसे छोटे कारोबारी माल बनाना भी बंद कर दिये हैं, वहीं बाहर की मंडियों के कपड़ा कारोबारी भी माल के आर्डर नहीं भेज रहे हैं। जिसका मुख्य एमएसएमई एक्ट है। उन्होंने कहा कि आलम यह है कि जो कारोबारी हमेशा 2 से 3 लाख की परचेसिंग करते थे, इस समय ऐसे व्यापारी आवश्यकता के अनुसार ही 20 से 30 हजार का ही माल परचेस कर रहे हैं, ताकि आगामी 31 मार्च तक आसानी से बकाया चुकाए जा सके। हाल के दिनों में मात्र 30 से 40 प्रतिशत ही कारोबार हो रहा है।
हालांकि इससे इतर आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन के प्रमुख प्रहलाद अग्रवाल ने बताया कि कुंभ के बाद मार्केट में ग्राहकी जोर पकड़ेगा। यातायात प्रभावित होने से सूरत की माल से भरे तकरीबन 100 ट्रकें बाहर की मंडियों में खड़े हैं। वह सब माल व्यापारियों के पास पहुंचने वाले हैं। साथ ही जैसे ही यातायात सुचारू रूप से होगा, मार्च के इंड से बहुत ही तेज गति से सप्लाई शुरू हो जाएगी। आज देश के सभी राज्यों में रोड वगैरह इतने अच्छे हो गए हैं, कि किसी भी शहर में एक सप्ताह के अंदर माल की डिलीवरी हो जाती है। इसलिए आगामी दिनों में कारोबार अच्छा रहेगा। हालांकि 1 अप्रैल से मार्केट और जोर पकड़ेगी और गर्मियों की शादी की ग्राहकी बहुत ही अच्छी रहने वाली है।
रघुकुल टेक्सटाइल मार्केट के कपड़ा व्यापारी गोविन्द गुप्ता ने बताया कि हाल के दिनों में एमएसएमई एक्ट के कारण ग्राहकी नहीं के बराबर है। गर्मी की शादियों की ग्राहकी तो शुरु हो जाती, लेकिन एमएसएमई एक्ट के अनुसार मार्च तक सभी बकाये का निपटान करना आवश्यक है। इसलिए व्यापारी बंधु जरुरत के अनुसार ही खरादी कर रहे हैं। मार्च तक एमएसएमई से कपड़ा मार्केट प्रभावित रहेगा, लेकिन आगामी दिनों में 3 महीने ( अप्रैल, मई एवं जून) तक शादियों की ग्राहकी के पूरे आसार हैं।