न्यायालय ने यूट्यूबर आशीष चंचलानी की याचिका पर महाराष्ट्र, असम से जवाब मांगा

न्यायालय ने यूट्यूबर आशीष चंचलानी की याचिका पर महाराष्ट्र, असम से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को यूट्यूबर आशीष चंचलानी की उस याचिका पर महाराष्ट्र और असम सरकारों से जवाब मांगा जिसमें ऑनलाइन शो में कथित रूप से अश्लीलता को बढ़ावा देने के मामले में गुवाहाटी में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने या मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने चंचलानी की याचिका को इन्फ्लुएन्सर रणवीर इलाहाबादिया की लंबित याचिका के साथ नत्थी किया।

सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने चंचलानी के वकील से कहा कि उन्हें इस मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है।

चंचलानी के वकील ने माना कि उन्हें राहत मिल गई है, लेकिन उन्होंने उस एक विशेष कार्यक्रम के संबंध में कई प्राथमिकी दर्ज करने पर आपत्ति जताई।

पीठ ने कहा कि वह पहले से ही इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही है और चंचलानी की याचिका को संबंधित याचिकाओं के साथ नत्थी किया जाता है।

शीर्ष अदालत ने ‘पॉडकास्टर’ रणवीर इलाहाबादिया को यूट्यूब के एक कार्यक्रम के दौरान उनकी टिप्पणियों के लिए 18 फरवरी को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। न्यायालय ने इलाहाबादिया की टिप्पणियों को ‘‘अश्लील’’ कहा और यह भी कहा कि उनके दिमाग में गंदगी है जो समाज को शर्मसार करने वाली है।

हास्य कलाकार समय रैना के यूट्यूब कार्यक्रम ‘‘इंडियाज गॉट लैटेंट’’ पर माता-पिता और यौन संबंध पर टिप्पणी के लिए ‘बीयरबाइसेप्स’ के नाम से मशहूर इलाहाबादिया के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।

गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने मंगलवार को चंचलानी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी और उन्हें 10 दिनों के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा।

गुवाहाटी पुलिस ने 10 फरवरी को एक व्यक्ति की शिकायत पर भारतीय न्याय समिति (बीएनएस), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।