अहमदाबाद : गुजरात में 46 प्रतिशत बच्चे कैंसर के इलाज से वंचित, हर साल 3600 से ज्यादा नए मामले

माता-पिता को कम उम्र से ही अपने बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए

अहमदाबाद : गुजरात में 46 प्रतिशत बच्चे कैंसर के इलाज से वंचित, हर साल 3600 से ज्यादा नए मामले

गुजरात में हर साल औसतन 71,500 से अधिक नए कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। अब बच्चों में भी कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ रही है। अगर अकेले गुजरात की बात करें तो हर साल औसतन 3600 से ज्यादा बच्चे कैंसर से प्रभावित होते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल 15 फरवरी को 'अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस' के रूप में मनाता है। भारत में हर साल बच्चों में कैंसर के औसतन 76,800 से अधिक नए मामले सामने आते हैं। आईसीएमआर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 19 वर्ष की आयु तक रिपोर्ट किए गए कैंसर के 60 प्रतिशत मामले लड़कों में और 40 प्रतिशत लड़कियों में होते हैं। बच्चों में होने वाले सबसे आम कैंसर मुख्यतः रक्त, मस्तिष्क ट्यूमर, ल्यूकेमिया और लिम्फोमा हैं।

बेशक, अधिक चिंताजनक बात यह है कि गुजरात में 46 प्रतिशत बच्चों को कैंसर का इलाज नहीं मिल पाता। इस बारे में डॉक्टरों ने कहा, "देर से निदान, जागरूकता की कमी और संसाधनों जैसे कारक काफी हद तक जिम्मेदार हैं।" प्रत्येक माता-पिता को डॉक्टर की सलाह के आधार पर अपने बच्चों को एच.पी.वी. टीका लगवाना चाहिए। माता-पिता को कम उम्र से ही अपने बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। कम शारीरिक गतिविधि, खराब खान-पान की आदतें और पर्यावरण में परिवर्तन जैसे कारक बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।

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