गुजरात : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में 23वीं ग्लोबल कैस्टर कॉन्फ्रेंस 2025 का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि आधारित उद्योगों को नई दिशा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाया है : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

गुजरात : मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में 23वीं ग्लोबल कैस्टर कॉन्फ्रेंस 2025 का उद्घाटन किया

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को गांधीनगर में उद्योग मंत्री  बळवंतसिंह राजपूत की प्रेरक उपस्थिति में 23वीं ग्लोबल कैस्टर कॉन्फ्रेंस 2025 का उद्घाटन किया। पावरिंग सस्टेनेबल सॉल्यूशन्स फॉर अ ग्रीनर फ्यूचर’ थीम के साथ सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए-सी) द्वारा आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में 15 से अधिक देशों के 400 से अधिक प्रतिनिधि सहभागी हुए। 

इस कॉन्फ्रेंस में अच्छी कृषि पद्धतियों द्वारा अरंडी बीज में लगातार उच्च उत्पादकता के लिए 4 किसानों को ‘श्री विट्ठलभाई जी. उदेशी’ कैस्टर इनोवेशन अवॉर्ड तथा वर्ष 2024 के लिए सर्वाधिक कैस्टर ऑयल निर्यात, सर्वाधिक कैस्टर डेरिवेटिव्स निर्यात एवं भारत से सर्वाधिक कैस्टर ऑयल आयात करने वाले अन्य देशों के उद्यमियों को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के करकमलों से पुरस्कार प्रदान किए गए। श्री पटेल ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि आधारित उद्योगों को नई दिशा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाया है।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गुजरात ने सदैव उद्योग एवं कृषि क्षेत्र में नवीनताएँ अपनाई हैं। प्रधानमंत्री के विजनरी नेतृत्व में गुजरात केवल देश का आर्थिक ग्रोथ इंजन ही नहीं, बल्कि उद्यमशीलता का प्रतीक भी बना है। प्रधानमंत्री ने गुजरात को पॉलिसी ड्रिवन स्टेट बनाया है, जिसके फलस्वरूप कृषि एवं उद्योग एक साथ प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के अरंडी उत्पादन से जुड़े किसानों तथा अरंडी प्रसंस्करण-उत्पादन से जुड़े उद्योगों को यह कहते हुए आवश्यक सहायता की प्रतिबद्धता व्यक्त की, “राज्य सरकार सदैव आपके साथ खड़ी है।”उन्होंने कहा कि अरंडी जैसी परंपरागत कृषि फसलों एवं उत्पादों का मूल्यवर्धन करने के साथ समयानुरूप नूतन आयाम अपनाए गए हैं। आज वर्ल्ड कैस्टर मार्केट में भी गुजरात बड़ा योगदान देने वाला स्टेट है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की विजनरी लीडरशिप में अरंडी क्षेत्र को अधिक सुदृढ़ एवं सक्षम करने के प्रयास सफल हुए हैं। वर्ष 2003 में गुजरात में केवल 2900 हेक्टेयर क्षेत्र में अरंडी की बुवाई हुई थी, परंतु नरेन्द्र मोदी के ढाँचागत विकास एवं नीतिगत प्रयासों से वर्ष 2024 में यह बुवाई लगभग 7200 से अधिक हेक्टेयर में होने लगी है। उन्होंने कहा कि फार्मास्युटिकल, कॉस्मेटिक्स, लुब्रिकेंट्स एवं बायोडीजल जैसे अनेक क्षेत्रों में अरंडी का उपयोग व्यापक रूप से बढ़ा है, जिससे उसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और उसके मूल्यवर्धन की आवश्यकता उत्पन्न हुई है। विश्वभर के बाजारों में गुजरात के अरंडी के तेल की विश्वसनीयता एवं गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने अरंडी के उत्पादन तथा निर्यात के साथ नई टेक्नोलॉजी एवं अनुसंधान द्वारा उत्पादन क्षमता बढ़ाने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने इस कॉन्फ्रेंस को केवल उद्योग या कृषि के लिए ही नहीं, बल्कि ‘मेक इन इंडिया, ग्रो इन गुजरात’ के प्रधानमंत्री के विजन के लिए भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कॉन्फ्रेंस ग्लोबल अरंडी हब के रूप में गुजरात की पहचान सुदृढ़ करने की दिशा में सामूहिक मंथन करने में विशेष भूमिका निभाएगी। उन्होंने इस कॉन्फ्रेंस को अरंडी उद्योग से जुड़े किसानों तथा उद्योगों के व्यापक हित में इस क्षेत्र के अधिक बेहतर ढंग से विकास के लिए उचित प्लेटफॉर्म बताया।

देशभर में गुजरात 85 प्रतिशत से अधिक कैस्टर का उत्पादन करने वाला राज्य : उद्योग मंत्री बळवंतसिंह राजपूत

इस कॉन्फ्रेंस में उद्योग मंत्री बळवंतसिंह राजपूत ने कहा कि विश्व में कैस्टर का सर्वाधिक उत्पादन भारत में होता है। देश में लगातार 23 वर्षों से तथा गुजरात में पिछले 18 वर्षों से कैस्टर उद्योग को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जा सके; इसके लिए एसईए (सी) लगातार कार्य कर रहा है। 21वीं शताब्दी में जब दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है, तब विशेषकर गुजरात में85 प्रतिशत से अधिक कैस्टर उत्पादन में और प्रगति हो; इसके लिए इस कॉन्फ्रेंस में लगातार विचार-विमर्श किया जाएगा। इस प्रकार की कॉन्फ्रेंस में विचार-विमर्श के माध्यम से निश्चित रूप से अच्छा परिणाम मिलता ही है।

श्री राजपूत ने आगे कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2003 में राज्य में शुरू कराई गई वाइब्रेंट गुजरात समिट से उद्योगों द्वारा किए गए अनेक निवेशों के फलस्वरूप देश एवं राज्य का बहुत विकास हुआ है। गत वर्ष आयोजित वाइब्रेंट गुजरात समिट में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में लगभग 45 लाख करोड़ रुपए के एमओयू किए गए। आज गुजरात सर्वाधिक रोजगार देने वाले राज्य के साथ हमेशा देश का विकास का मॉडल रहा है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में गुजरात में लागू 20 से अधिक पॉलिसियों के परिणामस्वरूप राज्य का विकास अकल्पनीय ढंग से हुआ है। 

इस कॉन्फ्रेंस में कैस्टर का उत्पादन करने वाले किसानों की संख्या बढ़ाने एवं उससे जुड़े अन्य मुद्दों पर सामूहिक विचार-मंथन किया जाएगा। किसानों के कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़े, खेती की आय में वृद्धि हो तथा उन्हें कृषि उत्पादों के अच्छे दाम मिलें; इस संबंध में रिसर्च करने से इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य परिपूर्ण होगा। इस अवसर पर एसईए के एग्जीक्यूटिव डाइरेक्टर डॉ. बी. वी. मेहता, को-चेयरमैन  धर्मेन्द्रसिंह राजपूत तथा अरंडी उद्योग से जुड़े अन्य अग्रणी उपस्थित रहे।