आरबीआई ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक मंडल को भंग किया
मुंबई, 14 फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में खराब संचालन मानकों का हवाला देते हुए इसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया। बैंक पर पर कई प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद आरबीआई ने यह कदम उठाया।
आरबीआई की पाबंदियों के बाद शुक्रवार को बैंक की शाखाओं के बाहर ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इन पाबंदियों में बैंक को नए कर्ज जारी करने से रोका गया है और साथ ही बैंक द्वारा ग्राहकों के जमा पैसे को छह महीने तक निकालने पर भी रोक लगा दी गई है। बैंक की 28 शाखाएं हैं, जिनमें से ज्यादातर मुंबई क्षेत्र में स्थित हैं।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि उसने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक श्रीकांत को बैंक के मामलों के प्रबंधन के लिए 'प्रशासक' नियुक्त किया है।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक मंडल को 12 महीने के लिए हटा दिया गया है।
बैंक ने अपने प्रशासनिक कार्यों को सही तरीके से और प्रभावी रूप से करने के लिए एक 'सलाहकार समिति' बनाई है। इस सलाहकार समिति में दो सदस्य रवींद्र सपरा (पूर्व महाप्रबंधक, एसबीआई) और अभिजीत देशमुख (चार्टर्ड अकाउंटेंट) शामिल हैं।
आरबीआई ने कहा, "बैंक में खराब संचालन मानकों से उत्पन्न कुछ चिंताओं के कारण यह कार्रवाई आवश्यक है।"
बृहस्पतिवार को आरबीआई ने पर्यवेक्षी चिंताओं के बीच जमाकर्ताओं द्वारा धन निकासी सहित ऋणदाता पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे।
ये प्रतिबंध बृहस्पतिवार को कारोबार बंद होने से लागू हो गए तथा छह महीने की अवधि तक लागू रहेंगे। उसके बाद इनकी समीक्षा की जाएगी।
आरबीआई ने बैंक को यह निर्देश दिया है कि वर्तमान नकदी की स्थिति को देखते हुए वह जमाकर्ताओं के बचत खाते, चालू खाते या किसी भी खाते से पैसे निकालने की अनुमति न दे।