यात्रा ट्रंप के पहले कार्यकाल में द्विपक्षीय संबंधों की सफलताओं को आगे बढ़ाएगी: प्रधानमंत्री मोदी

यात्रा ट्रंप के पहले कार्यकाल में द्विपक्षीय संबंधों की सफलताओं को आगे बढ़ाएगी: प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि अमेरिका की उनकी यात्रा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में दोनों देशों के बीच सहयोग में मिली सफलताओं को आगे बढ़ाने का एक अवसर होगी।

फ्रांस और अमेरिका की यात्रा पर रवाना होने से पहले उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि इससे प्रौद्योगिकी, व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखला में लचीलेपन के क्षेत्रों सहित अमेरिका के साथ भारत की साझेदारी को और अधिक बढ़ाने तथा गहरा करने के लिए एजेंडा विकसित करने में भी मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों देशों के लोगों के आपसी लाभ के लिए मिलकर काम करेंगे और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक हूं। मुझे याद है कि उनके पहले कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी बनाने में हमने साथ मिलकर काम किया।’’

मोदी 10 फरवरी से 12 फरवरी तक फ्रांस का दौरा करेंगे और फिर वहां से दो दिवसीय यात्रा पर अमेरिका जाएंगे। मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर फ्रांस जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वे विश्व नेताओं और वैश्विक प्रौद्योगिकी सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के एक सम्मेलन ‘एआई एक्शन समिट’ की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हैं, जहां वे समावेशी, सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से नवाचार एवं व्यापक सार्वजनिक कल्याण के लिए एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) प्रौद्योगिकी को लेकर सहयोगी दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

मोदी ने कहा, ‘‘दो देशों की मेरी यह यात्रा मेरे मित्र राष्ट्रपति मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए ‘2047 होराइजन रोडमैप’ पर प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी।’’

दोनों नेता फ्रांस में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करने के लिए फ्रांस के ऐतिहासिक शहर मार्सिले की यात्रा भी करेंगे और अंतरराष्ट्रीय ताप नाभिकीय प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना का भी दौरा करेंगे। वैश्विक कल्याण को लेकर ऊर्जा के दोहन से संबंधित इस विश्व संघ के फ्रांस और भारत सदस्य हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों का बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘मज़ारग्यूज वॉर सिमेट्री’ का भी दौरा करूंगा।’’