मानव तस्करी के ‘इकोसिस्टम’ के खिलाफ लड़ना होगा: अवैध आव्रजन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी
वाशिंगटन, 14 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मानव तस्करी के उस ‘इकोसिस्टम’ (पारिस्थितिकी तंत्र) के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया है जो आम परिवारों के लोगों को बड़े सपनों और वादों का झांसा देकर दूसरे देशों में अवैध प्रवासियों के रूप में बसाने में संलिप्त है।
मोदी ने यहां बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान अवैध आव्रजन के मुद्दे पर ‘पीटीआई-भाषा’ की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि यह केवल भारत का सवाल नहीं है बल्कि एक वैश्विक मुद्दा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कोई भी व्यक्ति जो दूसरे देश में अवैध तरीके से प्रवेश करता है और रहता है, उसे उस देश में रहने का कोई कानूनी अधिकार या प्राधिकार नहीं है।’’
मोदी ने कहा कि जहां तक भारत और अमेरिका की बात है, ‘‘हमने हमेशा कहा है कि जो लोग सत्यापित भारतीय नागरिक हैं और जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं, भारत उन्हें वापस लेने के लिए तैयार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमारे लिए यह मामला यहीं समाप्त नहीं हो जाता है। ये बहुत ही साधारण परिवारों के बच्चे हैं, और उन्हें बड़े सपनों और वादों के जरिए लुभाया जाता है।’’
मोदी ने कहा कि इनमें से बहुत से मानव तस्करों द्वारा गुमराह किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें मानव तस्करी के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ लड़ना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘अमेरिका और भारत दोनों का प्रयास है कि हम मिलकर इस पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को उखाड़ फेंकें ताकि मानव तस्करी खत्म हो। यह उन गरीब लोगों के साथ अन्याय है जो अपना सब कुछ बेच देते हैं और उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाकर अवैध प्रवासी के रूप में दूसरे देश में लाया जाता है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हमारी बड़ी लड़ाई इस पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ है और मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रंप भी इस पारिस्थितिकी तंत्र को समाप्त करने में भारत का पूरा समर्थन करेंगे।’’
बाद में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि मोदी और ट्रंप की बैठक में अमेरिका से अवैध प्रवासियों के निर्वासन का मुद्दा भी उठा।
उनसे यह भी पूछा गया था कि क्या अमेरिका से अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से भारत वापस ले जाने के तरीके के मुद्दे पर भी बातचीत हुई, मिसरी ने कहा, ‘‘हां, यह (अवैध आव्रजन का मुद्दा) आज चर्चा के दौरान उठा।’’
मिसरी ने कहा, ‘‘चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपना रुख बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी भी देश में अवैध प्रवासियों के भारतीय नागरिक होने की बात साबित होती है तो हम उन्हें वापस लेंगे।’’
मिसरी ने कहा कि मोदी ने चर्चा के दौरान जोर दिया कि अवैध प्रवासियों की वापसी कहानी का अंत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक पारिस्थितिकी तंत्र है जो इस रैकेट के जरिए पनपता है और यही इस रैकेट को बढ़ावा देता है और सक्षम बनाता है, और यह दोनों देशों की जिम्मेदारी है कि वे इस बारे में कुछ करें। ’’
मिसरी ने कहा, ‘‘उन्होंने इन गिरोहों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अमेरिका से सहयोग मांगा और जरूरत पड़ने पर दोनों देशों के कानून प्रवर्तन अधिकारियों और खुफिया संगठनों के बीच संस्थागत सहयोग के जरिए इन पारिस्थितिक तंत्र के बारे में कुछ करने की कोशिश पर बल दिया। इसलिए यह कुछ ऐसा (मुद्दा) है जिस पर दोनों पक्ष चर्चा करना जारी रखेंगे।’’
ज्ञात हो कि विभिन्न राज्यों के 104 अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान इस महीने की शुरुआत में पंजाब के अमृतसर पहुंचा था।