सूरत : आम बजट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम के साथ आर्थिक विकास को गति देगा 

चार्टर्ड अकाउंटेंट ने कहा- बजट एक विकसित देश की नीति के अनुरूप है और घरेलू मांग को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा

सूरत : आम बजट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम के साथ आर्थिक विकास को गति देगा 

व्यापारियों ने बजट को व्यापार-उद्योग के लिए प्रगतिशील, संतुलित एवं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया

सूरत मर्कनटाइल एसोसिएशन की 192वीं नियमित साप्ताहिक समस्या समाधान मीटिंग का आयोजन व्यापारी भाईयों की निःस्वार्थ सेवा में दिनांक 02 फरवरी 2025 रविवार को प्रातःकाल 9.30 से 10.30 बजे तक माहेश्वरी भवन,बोर्ड रुम पहला माला पर सीटी लाइट के प्रांगण में "एसएमए"  प्रमुख  नरेन्द्र साबू व उनकी पूरी पंच पैनल एवं कोर कमेटी टीम की अगुवाई में आयोजित की गई। मीटिंग में 135 व्यापारी भाईयों की सादर उपस्थिति रही और 11 आवेदन पत्र समस्या समाधान हेतु सुनवाई हुई, जिसमें से 1 आवेदन का समाधान तुरंत बातचीत द्वारा किया तथा शेष आवेदनों को पंच पैनल एवं  लीगल टीम को सौंप दिये गये हैं, जो कि समयानुसार समाधान प्रक्रिया में आ जायेंगे। 

"बजट पर एक्सपर्ट की चर्चा" के कार्यक्रम के अन्तर्गत मीटिंग का मुख्य एजेंडा 1 फरवरी को जो बजट आया उसका  टेक्सटाइल उद्योग पर क्या असर पड़ा ? और इस पर आगे व्यापारी भाइयों की क्या रणनीति रहनी चाहिए... इस विषय पर मुख्य चर्चा हुई है। 

मीटिंग के आमंत्रित मेहमानों में चर्चा के लिए तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट भाइयों का पैनल बैठा, जिसमें मुख्य मनीष मालपानी, बालकिशन अग्रवाल एवं सुमित अग्रवाल आदि ने जो चर्चा की उसके जो निष्कर्ष निकले  उसके मुख्य बिंदु इस प्रकार है। यह बजट एक विकसित देश की नीति के अनुरूप है और घरेलू मांग को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने बजट के चार प्रमुख स्तंभों पर प्रकाश डाला, जिन्हें “ज्ञान” (GYAN) कहा गया है। 

G - गरीब और मध्यम वर्ग: इस बजट में गरीब और मध्यम वर्ग के लिए सीधी राहत दी गई है, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी।

Y - युवा: युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर और कौशल विकास (skill development) को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
  A - अन्नदाता: किसानों के लिए विशेष योजनाएं लाई गई हैं, जो कृषि क्षेत्र को और मजबूत करेंगी।

N - नारी शक्ति: महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए नई योजनाएं शुरू की गई हैं।

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उन्होंने कहा कि यह बजट आर्थिक विकास को गति देगा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह बजट घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए पूरी तरह केंद्रित है और सरकार की नीति “कच्चे माल का आयात और तैयार माल का निर्यात” को प्राथमिकता देती है।  उन्होंने निटेड फैब्रिक्स उद्योग के लिए की गई कस्टम ड्यूटी में बदलावों को एक बड़ा कदम बताया। घरेलू बुनाई उद्योग को समर्थन देने के लिए सरकार ने कस्टम ड्यूटी को संतुलित किया है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही टेक्सटाइल मशीनों के आयात को सस्ता करने के लिए कस्टम ड्यूटी में कटौती की गई है, जिससे भारतीय टेक्सटाइल उद्योग में नई तकनीक का प्रवेश आसान होगा और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

 इसके अलावा उन्होंने GST के तहत “ट्रैक एंड ट्रेस” योजना का भी जिक्र किया, जिससे इनवॉइसिंग और टैक्स कलेक्शन में पारदर्शिता आएगी और कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। अंत में, दोनों विशेषज्ञों ने इस बजट को व्यापार और उद्योग के लिए प्रगतिशील, संतुलित और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

मीटिंग का समापन स्वादिष्ट शानदार अल्पाहार के साथ सम्पन्न हुआ। मीटिंग में "एसएमए" परिवार के अशोक गोयल, राजीव उमर, महेश पाटोदिया, राजकुमार चिरानिया, दुर्गेश टिबडेवाल, मनोज अग्रवाल, राजेश गुरनानी, संदीप अग्रवाल, रामकिशोर बजाज, संदीप गुप्ता, राजेन्द्र कनोडिया,विजय कोटरीवाल, सत्यम सोमानी, घनश्याम चांडक, सुरेश मालपानी आदि सदस्यों की सादर उपस्थिति रही। 

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