सूरत में हुई अनोखी शादी: साइबर फ्रॉड जागरूकता का बैनर लेकर दूल्हा-दुल्हन ने लिए सात फेरे
साइबर धोखाधड़ी का शिकार बनने से पहले लोगों को जगाने का प्रयास
सूरत : वर्तमान युग में आधुनिक तकनीक के माध्यम से किए गए अपराधों को साइबर अपराध कहा जाता है। सरकार और पुलिस इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास कर रही है कि कोई भी नागरिक इस अपराध का शिकार न हो और इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाई जा रही है। लेकिन, ऐसे अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
सूरत के अब्रामा इलाके में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने हस्तक्षेप कर कई लोगों को बचाया, जिनमें एक महिला भी शामिल है। शादी समारोह में साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता फैलाई गई। शादी के अवसर पर अचानक किए गए इस प्रयास से शादी में शामिल होने वाले लोग सुखद आश्चर्यचकित हुए और उन्होंने आत्म-जागरूकता की शपथ ली।
प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व क्रांति के बाद, लोगों को अपनी उंगलियों पर ही भरपूर जानकारी मिल रही है। जहां एक ओर तकनीक से सुविधाएं बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर चोर भी डिजिटल हो गए हैं और ताले तोड़ने या जेब काटने की बजाय वे डिजिटल धोखाधड़ी करके लोगों का बैंक बैलेंस खाली कर रहे हैं। वर्तमान में, कानून और नियमों का उल्लंघन करते हुए, इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर, टैबलेट और लैपटॉप के माध्यम से धोखाधड़ी की जा रही है। लोगों को इससे बचाने के लिए साइबर संजीवनी अभियान भी शुरू किया गया है। जिसके कारण मामलों की संख्या में थोड़ी कमी आई है, लेकिन मामले अभी भी नहीं रुक रहे हैं और कई लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।
पुलिस और सरकार के साथ-साथ अब कुछ समाजसेवियों ने भी लोगों को साइबर अपराध से बचाने के लिए एक अनूठा जन जागरूकता अभियान शुरू किया है। जिसके चलते सूरत के अब्रामा इलाके में एक अनोखी शादी हुई। जिसमें शादी में दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने के साथ ही लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए मार्गदर्शन दिया गया। दूल्हा-दुल्हन ने शादी की माला पहनकर और साइबर जागरूकता के पोस्टर लेकर फोटो सेशन भी कराया।
इस बारे में जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश जिकादरा ने कहा, "मौजूदा समय में जब हम अपने आसपास साइबर धोखाधड़ी के मामले लगातार होते देख रहे हैं, ऐसे में पानी आने से पहले ही बांध बनाना एक प्रेरणादायक विचार है, न कि साइबर धोखाधड़ी का शिकार बनना और फिर जागना।"
इसके लिए व्यास परिवार ने अपनी बेटी अपूर्वा और दीपक की शादी सूरत के मोटा वराछा अब्रामा रोड स्थित करमशीबापा आश्रम के प्रांगण में करवाई। जिसमें मांडविया सहित गोंडलिया परिवार के सभी रिश्तेदारों और मित्रों को साइबर धोखाधड़ी से बचने के विभिन्न तरीकों की जानकारी देते हुए पोस्टर बनाकर उनमें जागरूकता लाने का प्रयास किया गया।
लोगों को जागरूक करते हुए कहा गया कि साइबर धोखाधड़ी से बचने का सबसे अच्छा विकल्प आत्म जागरूकता है। इसके अलावा, मेजबान परिवार द्वारा किया गया यह प्रयोग, जो सचमुच "सावधानी ही सुरक्षा है" कहावत को चरितार्थ करता है तथा एक प्रेरणादायक संदेश देता है। यहां कई मेहमानों को साइबर अपराध से बचने का संकल्प दिलाया।