सूरत : गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी की उपस्थिति, डीजीपी विकास सहाय की अध्यक्षता क्राईम कोन्फ्रन्स आयोजित 

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अपराध पर अंकुश लगाने के लिए भावी रोडमैप और परिणामोन्मुखी कार्यों पर विचार-विमर्श किया

सूरत : गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी की उपस्थिति, डीजीपी विकास सहाय की अध्यक्षता क्राईम कोन्फ्रन्स आयोजित 

सूरत। राज्य के डीजीपी  विकास सहाय की अध्यक्षता में, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी की प्रेरक उपस्थिति में सूरत में एक दिवसीय अपराध सम्मेलन आयोजित किया गया।

पुलिस कमिश्नर कार्यालय में सूरत, वडोदरा, राजकोट, अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नरों और राज्य के नौ रेंज आईजीओ के साथ आयोजित अपराध सम्मेलन में प्रत्येक पुलिस कमिश्नर और आईजीओ ने कानून व्यवस्था के लिए वर्ष 2024 में किए गए कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया एक प्रस्तुति के माध्यम से अपने क्षेत्र में बैठक में परिणामोन्मुखी कार्यों के साथ-साथ भविष्य की रूपरेखा की समीक्षा की गई।

अपराध सम्मेलन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डीजीपी विकास सहाय ने कहा कि गुजरात पुलिस के प्रदर्शन को धीरे-धीरे बेहतर बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस कार्य को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

पुलिस ने जनता और पुलिस के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने तथा नागरिकों को सुरक्षा की भावना प्रदान करने के लिए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम लागू किया है। ‘तेरा तुझको अर्पण’ पहल के तहत वर्ष 2024 में राज्य भर में 3300 कार्यक्रमों के माध्यम से लूटी गई, चोरी की गई, धोखाधड़ी से अर्जित की गई और लोगों द्वारा हड़पी गई 153 ​​करोड़ रुपये की संपत्ति लोगों को वापस लौटाई गई है। 'तेरा तुझको अर्पण' की भावना जनता और पुलिस के बीच सेतु बन रही है।

प्रदेश के 650 थानों, 700 चौकियों और चौकी प्रभारियों द्वारा हर दो माह में ‘तीन शब्द आपके, तीन शब्द हमारे’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसमें स्थानीय मुद्दों का समाधान किया जाता है। उन्होंने 2024 में राज्य में लगभग 10,500 ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने तथा उनमें पाए जाने वाले स्थानीय मुद्दों पर विचार-मंथन कर भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की जानकारी दी।

पुलिस द्वारा सूदखोरी के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया गया है, जिसमें वर्ष 2024 में 715 सूदखोरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर 1500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप सूदखोरी की समस्या में कमी आई है।

उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी और साइबर अपराध पर मंथन करने तथा परिणामोन्मुखी कार्रवाई करने के लिए विचार-विमर्श किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान साइबर धोखाधड़ी के शिकार लोगों द्वारा खोए गए 108 करोड़ रुपये उन्हें वापस दिलाए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को साइबर अपराध के प्रति अधिक जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने साइबर दुनिया में हमेशा सतर्क रहने और किसी भी समय अज्ञात लिंक पर क्लिक न करने की अपील की।

राज्य पुलिस द्वारा जांच में तकनीक का अधिकतम उपयोग कर अपराधों को सुलझाया जा रहा है। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रत्येक थाने में शी-टीम का गठन किया गया है। रक्षाबंधन के दौरान वरिष्ठ शहरों में 25,000 बुजुर्गों ने महिलाओं की रक्षा के लिए राखी बांधी। इसके अलावा, जनता और पुलिस के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए शी-टीम द्वारा 10,000 शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया।

हर थाने में सुविधा केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। गंभीर अपराधों में डीएसपी स्तर के अधिकारी घटनास्थल पर जाकर जांच करते हैं। डीजीपी ने कहा कि गंभीर अपराधों की जांच व साक्ष्य जुटाने तथा लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से राज्य में गंभीर मामलों की वैज्ञानिक जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्तों व उपमंडल पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों में क्राइम सीन मैनेजरों की नियुक्ति की गई है। .

सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने गृहमंत्री हर्ष संघवी, डीजीपी विकास सहाय  सहित सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का स्वागत किया।

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