प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया
श्रीनगर, 13 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया जिससे पर्यटकों के लिए इस पर्यटक स्थल पर पहुंचना पूरे साल संभव होगा।
जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण पर 2,716.90 करोड़ रुपये की लागत आई है। सुरंग का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री इसके अंदर गए और परियोजना अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने उन निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने सुरंग का निर्माण पूरा करने के लिए कठिन परिस्थितियों में काम किया।
उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री सुबह करीब पौने 11 बजे श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे और सुरंग के उद्घाटन के वास्ते सोनमर्ग के लिए रवाना हो गए। वह एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद जम्मू-कश्मीर की यह उनकी पहली यात्रा है।
मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच बनाई गई 6.5 किलोमीटर लंबी दो लेन वाली सुरंग में आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा निकासी मार्ग भी है। यह सुरंग दो दिशाओं के यातायात के लिए होगी।
समुद्र तल से 8,650 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन वाले मार्गों से अलग लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।
जोजिला सुरंग के साथ, जेड-मोड़ सुरंग कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच की दूरी को 49 किलोमीटर से घटाकर 43 किलोमीटर कर देगी और वाहन 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की जगह 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। जोजिला सुरंग के निर्माण को 2028 में पूरा करने का लक्ष्य है।
बेहतर संपर्क, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में आर्थिक विकास और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
जेड-मोड़ सुरंग पर काम मई 2015 में शुरू हुआ था और इसके 2016-17 तक पूरा होने की उम्मीद जताई गई थी।
हालांकि, इसका काम लगभग एक दशक में पूरा हो पाया। ऐसा इसलिए क्योंकि इस परियोजना को क्रियान्वित करने वाली प्रारंभिक कंपनी ‘इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज’ ने वित्तीय संकट के चलते 2018 में इसका काम बंद कर दिया था।
इस परियोजना की आधारशिला अक्टूबर 2012 में तत्कालीन परिवहन मंत्री सी.पी. जोशी ने अपने तत्कालीन कैबिनेट सहयोगी फारूक अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मौजूदगी में रखी थी।
इस परियोजना के लिए 2019 में फिर से संविदा आमंत्रित की गई और जनवरी 2020 में सबसे कम बोली लगाने वाली ‘एपीसीओ इंफ्राटेक’ को इस परियोजना का काम सौंपा गया।