गुजरात : अब डिग्री-डिप्लोमा पाठ्यक्रमों सहित तकनीकी कॉलेजों में भी प्रवेश प्रक्रिया साल में दो बार तय की जाएगी
डिग्री-डिप्लोमा इंजीनियरिंग में जून-जुलाई में मुख्य प्रवेश प्रक्रिया के बाद खाली हो रही हैं हजारों सीटें
यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार जहां कुछ विश्वविद्यालयों ने व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में वर्ष में दो बार प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है, वहीं एआईसीटीई ने भी तकनीकी कॉलेजों में भी अब वर्ष में दो बार प्रवेश की अनुमति दे दी है। इसके लिए एआईसीटीई की ओर से सर्कुलर जारी कर तकनीकी कॉलेजों में साल में दो बार यूजी और पीजी दाखिले के नियम तय किए गए हैं। जिसमें डिग्री-डिप्लोमा इंजीनियरिंग से लेकर विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों में जुलाई सत्र में प्रवेश के बाद रिक्त रहने वाली सीटों के लिए जनवरी में मेरिट आधारित प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करने का प्रावधान किया गया है।
वर्तमान में डिग्री-डिप्लोमा इंजीनियरिंग में जून-जुलाई में मुख्य प्रवेश प्रक्रिया के बाद हजारों सीटें खाली हो रही हैं और ड्रॉपआउट दर बढ़ने तथा सकल नामांकन अनुपात भी कम होने के कारण एआईसीटीई ने तकनीकी कॉलेजों में दो बार प्रवेश के लिए विशेष रियायतें दी हैं। काउंसिल ने तकनीकी विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और स्वायत्त कॉलेजों को मंजूरी दे दी है। जिसमें इंजीनियरिंग समेत तकनीकी पीजी कोर्सेज में गेट स्कोर 3 साल के लिए वैध होगा और जिसके आधार पर जुलाई-जनवरी दोनों में प्रवेश दिया जाएगा।
जबकि यूजी डिग्री इंजीनियरिंग-डिप्लोमा इंजीनियरिंग, डिजाइन, बीसीए और बीबीए समेत अन्य कोर्सों में जुलाई सत्र की दाखिला प्रक्रिया के बाद खाली रहने वाली सीटों को जनवरी सत्र में मेरिट आधारित दाखिला प्रक्रिया से भरना होगा। पिछले जुलाई सत्र में प्रवेश पाने से वंचित विद्यार्थियों को उस कॉलेज में दूसरे प्रवेश के समय प्राथमिकता दिया जाएगा। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दो बार प्रवेश के लिए एक विशेष शैक्षणिक कैलेंडर का पालन किया जाए। यदि कॉलेज पीजी इंजीनियरिंग-टेक्नोलॉजिकल पाठ्यक्रमों में नए कार्यक्रम शुरू करना चाहते हैं, तो काउंसिल द्वारा एक पोर्टल खोला जाएगा।