गुजरात : एचएमपीवी को लेकर शिक्षा विभाग हरकत में, डीईओ ने जारी की एडवाइजरी

यदि कोई बच्चा स्कूल की स्थानीय परीक्षा में अनुपस्थित रहता है, तो स्कूल पुनः परीक्षा लेगा

गुजरात : एचएमपीवी को लेकर शिक्षा विभाग हरकत में, डीईओ ने जारी की एडवाइजरी

चीन में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोनिया वायरस) फैलने के बाद ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि वुहान में स्कूलों को बंद करना पड़ा है। वहां 10 दिनों में एचएमपीवी के मामलों में 529 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत में भी एचएमपीवी का प्रसार धीरे-धीरे बढ़ रहा है। गुजरात से भी दो मामले सामने आए हैं। जिसके चलते प्रशासन हरकत में आ गई है। इसके बाद अहमदाबाद डीईओ ने निजी स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। स्कूल प्रशासकों ने अभिभावकों को संदेश भेजकर कहा है कि यदि उनके बच्चों को सर्दी या खांसी हो तो उन्हें स्कूल न भेजें। 

अपने बच्चों की स्थानीय परीक्षाओं के बारे में चिंता न करें

स्कूल संचालकों ने बताया कि राज्य में भी मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन डरने की जरूरत नहीं है, सावधान रहना जरूरी है। बच्चों को मास्क पहनाना चाहिए तथा बुखार, जुकाम या खांसी होने पर उन्हें स्कूल नहीं भेजना चाहिए, ताकि अन्य बच्चे संक्रमित न हों। यदि कोई बच्चा स्कूल की स्थानीय परीक्षा में अनुपस्थित रहता है, तो स्कूल पुनः परीक्षा लेगा।

एहतियात के तौर पर स्कूलों ने अपने स्वयं के दिशानिर्देश तैयार किए हैं

राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा है कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है। एहतियात के तौर पर अहमदाबाद के कुछ स्कूलों ने अपने स्वयं के दिशानिर्देश तैयार किए हैं और छात्रों से मास्क पहनने की अपील की है। इसके अतिरिक्त अभिभावकों को निर्देश दिया गया है कि यदि उनके बच्चे में सर्दी या खांसी के लक्षण हों तो उन्हें स्कूल न भेजें। ताकि अन्य बच्चे संक्रमित न हों। इतना ही नहीं, स्कूल में पढ़ाई के दौरान अगर किसी छात्र में सर्दी या खांसी के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें घर भेज दिया जाता है।

भारत के पांच राज्यों में नौ मामले सामने आए

चीन से यह वायरस भारत भी पहुंच चुका है। देश के पांच राज्यों में कुल नौ मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में दो मामले सामने आए हैं। यहां एक 13 वर्षीय लड़की और एक 7 वर्षीय लड़का संक्रमित पाए गए हैं। दोनों बच्चे बुखार आने के बाद इस वायरस से संक्रमित हो गए। गुजरात में दो तथा कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में एक-एक मामला सामने आया है। इस वायरस को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट पर है। राज्यों में बैठकों का दौर चल रहा है।

श्वसन संबंधी संक्रामक रोगों से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?

•खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिश्यू से ढकना चाहिए।
•हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं या सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
• भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें और फ्लू से पीड़ित लोगों से कम से कम एक हाथ की दूरी बनाए रखें।
•यदि आपको बुखार, खांसी या छींक है तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
अधिक पानी पियें और पौष्टिक भोजन खाएं।
•मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए पर्याप्त नींद लें।
•बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए उचित वेंटिलेशन वाले वातावरण में रहें।
•यदि आपको श्वसन संबंधी लक्षण महसूस हों, तो घर पर रहें, दूसरों से संपर्क सीमित करें और तुरंत निकटतम सरकारी अस्पताल से संपर्क करें।

क्या नहीं करना चाहिए?

• जब तक आवश्यक न हो अपनी आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें।
•संक्रमित व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके सामान, जैसे तौलिया, रूमाल या अन्य बर्तन, किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में न आएं या उसके द्वारा उपयोग न किए जाएं।
•स्वयं दवा लेने से बचें, लक्षण बिगड़ने पर स्वास्थ्य कर्मचारी से संपर्क करें।