सूरत : अदाणी हजीरा पोर्ट की भव्यता से प्रभावित हुए कश्मीरी युवा
आयात-निर्यात और आधुनिक तकनीक का अनुभव, पहली बार देखा समुद्र और जहाज
सूरत : कश्मीर के विभिन्न जिलों से आए 132 युवा, जो केंद्र सरकार के आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत सूरत की यात्रा पर थे, अदाणी हजीरा पोर्ट की भव्यता और कार्यप्रणाली देखकर दंग रह गए। देश के प्रमुख आयात-निर्यात केंद्रों में से एक हजीरा बंदरगाह की यात्रा उनके लिए जीवन भर की स्मृति बन गई।
यह दौरा केंद्रीय गृह मंत्रालय और खेल मंत्रालय के सहयोग से नेहरू युवा केंद्र-सूरत और मेरा भारत-सूरत द्वारा आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीर के युवाओं को भारत की प्रगति और आधुनिक तकनीकी चमत्कारों से परिचित कराना था। युवाओं ने बारामूला, पुलवामा, श्रीनगर, अनंतनाग, कुपवाड़ा और बडगाम जैसे जिलों से यहां पहुंचकर इस अनुभव को साझा किया।
बारामूला की आफरीन ने उत्साहपूर्वक कहा, "हमने पहली बार समुद्र देखा, जहाज देखा और यह सीखा कि अदानी पोर्ट पर आयात-निर्यात कैसे होता है।" श्रीनगर की मारिया ने कहा, "यह अनुभव अविस्मरणीय है। हमें यह देखने का मौका मिला कि स्वचालित क्रेन कैसे काम करती हैं और कम मानव श्रम के साथ बड़े कार्य कैसे पूरे होते हैं।"
मोहम्मद हमीद ने अपने अनुभव को "अद्भुत" बताते हुए कहा कि पोर्ट की कार्यप्रणाली और इसकी आधुनिकता ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। सारा जाफर ने स्वचालित क्रेनों और आधुनिक उपकरणों से होने वाले कार्य को देखकर कहा, "यह पोर्ट भारत की प्रगति का अद्भुत उदाहरण है।"
कार्यक्रम के तहत युवाओं ने न केवल भारत की आर्थिक संरचना को समझा, बल्कि यह भी सीखा कि किस तरह से देश आयात-निर्यात के माध्यम से वैश्विक स्तर पर जुड़ा हुआ है। युवाओं ने बंदरगाह की कार्यप्रणाली को बारीकी से समझने के लिए कई सवाल पूछे और अपनी जिज्ञासा व्यक्त की।
यह यात्रा कश्मीरी युवाओं के लिए न केवल ज्ञानवर्धक थी, बल्कि उनके लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी। इस अनुभव ने उन्हें भारत की प्रगति और उसकी अद्भुत तकनीकी क्षमताओं के प्रति सम्मान और गर्व का अनुभव कराया।
इस यात्रा ने कश्मीरी युवाओं को भारत की विशालता, उसकी विविधता और तकनीकी प्रगति का एक नया दृष्टिकोण दिया, जो उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।