सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 'एर्गोनॉमिक्स समस्याएं और समाधान' पर सेमिनार आयोजित

20-35 वर्ष के युवाओं में गठिया की बढ़ती समस्या पर चर्चा, विशेषज्ञों ने दिए उपयोगी सुझाव

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 'एर्गोनॉमिक्स समस्याएं और समाधान' पर सेमिनार आयोजित

सूरत : दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने नानपुरा स्थित समृद्धि बिल्डिंग में 'एर्गोनॉमिक्स समस्याएं और उनके समाधान' विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम में फिजियोथेरेपिस्ट और पिलेट्स विशेषज्ञ डॉ. भाविनी दीक्षित ने एर्गोनॉमिक्स से जुड़ी समस्याओं और उनके प्रभावी समाधानों पर विस्तार से जानकारी दी।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने उद्घाटन भाषण में कहा कि लंबे समय तक बैठकर या खड़े होकर काम करने की आदतें, गलत बैठने की मुद्रा, और उपयुक्त फर्नीचर की कमी एर्गोनॉमिक्स से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि कार्यस्थलों पर एर्गोनोमिक कुर्सियों और डेस्क का उपयोग किया जाना चाहिए। कंप्यूटर स्क्रीन का स्तर आंखों के बराबर होना चाहिए और बैठने के दौरान पीठ को उचित समर्थन मिलना चाहिए।

डॉ. दीक्षित ने बताया कि एर्गोनॉमिक्स का मतलब है कि हमारा कार्यस्थल और हमारी कार्यशैली कैसी हो। उन्होंने कहा कि सही मुद्रा में बैठने, नियमित ब्रेक लेने, और फिजियोथेरेपी एक्सरसाइज करने से इन समस्याओं को रोका जा सकता है। उन्होंने गृहणियों और ऑफिस में काम करने वाले लोगों को नियमित अंतराल पर ब्रेक लेने और उचित जूते पहनने की सलाह दी।

डॉ. दीक्षित ने युवा पीढ़ी में बढ़ती गठिया (आर्थराइटिस) की समस्या पर चिंता जताई और इसका कारण लंबे समय तक बैठे रहने की आदत और शारीरिक गतिविधियों की कमी को बताया। उन्होंने स्क्रीन ग्लेयर और आई स्ट्रेन से बचने के लिए 20-20-20 नियम अपनाने की सलाह दी—हर 20 मिनट के बाद 20 फीट दूर की वस्तु को 20 सेकंड के लिए देखना।

महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष सुझाव

  • गृहणियां काम के दौरान ब्रेक लें और ऐसे काम बैठकर करें जो संभव हो।
  • नियमित स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज करें।
  • हर 2-3 साल में जूते बदलें और सही प्रकार के जूते पहनें।
  • पैरों के दर्द को रोकने के लिए वार्म-अप और कूल-डाउन एक्सरसाइज करें।

कार्यक्रम का संचालन एसजीसीसीआई शिक्षा और कौशल विकास केंद्र के अध्यक्ष महेश पमनानी ने किया। चैंबर की सार्वजनिक स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष डॉ. पारुल वडगामा ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की, और समिति सदस्य डॉ. राजन देसाई ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया।

लेडीज विंग की उपाध्यक्ष मयूरीबेन मेवावाला और पूर्व अध्यक्ष पूर्वीबेन मेहता समेत चैंबर के अन्य सदस्यों ने भी सेमिनार में भाग लिया। अंत में, वक्ता डॉ. भाविनी दीक्षित ने उपस्थित लोगों के प्रश्नों का उत्तर देकर कार्यक्रम का समापन किया।

यह सेमिनार कार्यस्थल पर एर्गोनॉमिक्स के महत्व को समझने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने में प्रभावी रहा।

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