सूरत : जीवन में दिव्य महापुरुषों का सानिध्य प्राप्त होना सबसे बड़ी उपलब्धि : डॉ. राजेंद्रदासजी महाराज
भगवान की कृपा से ही संतों का सत्संग प्राप्त होता है
अनंत श्रीविभूषित श्रीमज्जगद्गुरु द्वाराचार्य अग्र पीठाधीश्वर एवं मलूक पीठाधीश्वर स्वामी डॉ. श्री राजेंद्रदास देवाचार्य जी महाराज (श्री रैवासा-वृंदावन धाम) ने सूर्यपुत्री तापी तट पर बसी आस्तिक-धार्मिक नगरी सूरत के सिटीलाईट स्थित सुरभिधाम मंडपम में श्रीमद् भागवतद कथा ज्ञानयज्ञ के चतुर्थ दिवस रविवार को गो, ब्राह्मण के प्रति अगाध श्रद्धा रखने वाले कथा के मनोरथी श्रीमती गीतादेवी गजानंद कंसल एवं कंसल परिवार व सूरत के समस्त गोभक्तों के समायोजन में भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण के गोचारण कथा के 10वें स्कन्ध का वर्णन किया।
महाराजजी ने अपने पूज्य गुरुदेव भारत के महान विभूतियों में शूमार भक्तमालीजी महाराज का आविर्भाव दिवस मनाया। महाराजजी ने पूज्य गुरुवर के जीवन चरित्रों का वर्णन करते हुए पंडाल में विराजमान सभी संतों, विप्रो (ब्राहम्णों), हरिभक्तों, श्रोताओं एवं सोशल मीडिया के यंत्रों से कथा श्रवण का लाभ प्राप्त कर रहे सभी धर्मप्रेमी श्रद्धालु भक्तों को पूज्य गुरुवार के आविर्भाव दिवस की बधाई दी। इस दौरान ...जन्म दिन उन्ही का मनाने चले हैं कि जिनकी शरण में रहकर पले हैं....बधाई गाई। रविवार को दो संतों की मंगलमयी उपस्थिति रही। गौरदासजी महाराज एवं दंडेश्वर गोशाला के महंत 1008 श्री धर्मदासजी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया।
महाराजजी ने कहा कि 84 लाख योनिय़ों में करोड़ों वर्षों तक जीव को भटकने के बाद भगवान ने महती कृपाकर बहुत ही दुलर्भ मानव जीवन प्रदान करते हैं, ताकि जीवन चक्र से मुक्त होकर जीव हमारे में विलीन हो जाए। महाराजजी ने कहा कि जीवन में दिव्य महापुरुषों का सानिध्य प्राप्त होना सबसे बड़ी उपलब्धि है। जीवन का उत्कृष्ट फल संतों का सानिध्य ही है, जो भगवान की कृपा से ही सुलभ हो सकती है। जीवन की सार्थकता तभी है जब भगवान के संबाहक संतों का सत्संग जीवन में मिलता रहे। महाराज जी ने कहा कि भगवान से हमेशा यही मांगना चाहिए कि जीवन में अंतिम सांस तक संतों का सानिध्य प्राप्त होता रहे। जीवन में जब महापुरुषों का सानिध्य मिलता रहेगा तो भगवान का विस्मरण नहीं होगा और नित्य करुणानिधि का स्मरण होता रहेगा।
व्यवस्था संयोजक प्रमोद कंसल एवं मीडिया प्रभारी सज्जन महर्षि ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस रविवार को यूथ फॉर नेशन के गुजरात प्रमुख जिग्नेश पाटिल, मनपा शासक पक्षनेता श्रीमती शशिबेन त्रिपाठी, वासुदेव कोकडा, श्यामजी फागलदा, रामरतन भूतड़ा, बालकिशन राठी, नारायण सुलतानिया, जगदीश परिहार, सुनिल रामावत, गजानन्द रामावत, रामकरण बाजारी, सुमित मेहरियान, गोकुल बजाज, राजकुमार (जयबाबा), राधेश्याम अग्रवाल आदि ने महाराजजी का अभिवादन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
गो सेवा के प्रति संस्थाओं का प्रयास सराहनीय
उन्होंने बताया कि रविवार को गीता बाल संस्कार के बाल गोपाल महाराजजी की कथा में दर्शन हेतु एवं पूज्य महाराज जी का आशीर्वाद लेने हेतु पधारे और श्रीमद्भावतगीता के बाहरवें अध्याय का समवेत स्वर में पाठ किया। साथ ही गीता बाल संस्कार के बच्चों ने गत 29 दिसंबर को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम किया था, जिससे प्राप्त धनराशि गो सेवा के लिए समर्पित किया। इसी क्रम में श्री श्री बालाजी सुंदरकांड मंडल ने भी प्रत्येक शनिवार को सुंदरकांड आयोजन से प्राप्त हुई राशि गौ सेवा के लिए समर्पित किया। श्री जड़खोर गोधाम सेवा समिति सूरत ने गो सेवा के प्रति संस्थाओं के समर्पण भाव के लिए आभार प्रकट किया।