सूरत : गजेरा ग्लोबल स्कूल का वार्षिक उत्सव: 'प्लांट ए स्माइल' थीम के साथ मनाया गया

विद्यालय ने 10 वर्ष पूरे होने पर पेश की नई परियोजनाएं और अभिनव मॉडल

सूरत : गजेरा ग्लोबल स्कूल का वार्षिक उत्सव: 'प्लांट ए स्माइल' थीम के साथ मनाया गया

सूरत के पाल स्थित गजेरा ग्लोबल स्कूल ने 4 जनवरी को अपने वार्षिक उत्सव का भव्य आयोजन किया। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम थी 'प्लांट ए स्माइल'। समारोह में गजेरा ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री चूनिभाई गजेरा, सुनीता मेकर्सस्पेस की संस्थापक कुमारी किंजल गजेरा, और गजेरा परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

विद्यालय ने अपने 10 वर्षों की उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की। इनमें मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, और मनोरंजन से संबंधित पहल शामिल रहीं। विशेष रूप से, छात्रों ने किसानों के लिए एआई आधारित मॉडल फार्म प्रस्तुत किया, जो बिजली, पानी, और ऊर्जा बचाने में सक्षम आधुनिक तकनीकों पर आधारित था। इस मॉडल को अभिभावकों और अतिथियों ने अत्यंत सराहा और इसे वैश्विक दृष्टि से उपयोगी बताया।

कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें लायंस कैंसर डिटेक्शन ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री अशोक कानूगा, भारतीय राष्ट्रीय ताइक्वांडो टीम के कोच श्री पामीर शाह, आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील के संयुक्त महाप्रबंधक श्री अवधेश लखेरा, एलएनटी प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी श्री अमित गुप्ता, डिजिटल सामग्री निर्माता श्री क्रिया ढोषी, डांस इंडिया डांस की विजेता श्री श्रद्धा शाह, और विभिन्न पुलिस और जीएसटी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने 'प्लांट ए स्माइल' थीम पर आधारित रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। नृत्य, नाटक, और संगीत से सजी इन प्रस्तुतियों ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सद्भाव का संदेश दिया। अतिथियों ने अपने अनुभवों और प्रेरणादायक विचारों से विद्यार्थियों और अभिभावकों को संबोधित किया।
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती श्वेता परिहार ने सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों, और सहयोगी स्टाफ की मेहनत और योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद दिया।
समारोह के अंत में, उपस्थित जनों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया और मुस्कान फैलाने के महत्व को अपनाने का संदेश दिया।

गजेरा ग्लोबल स्कूल का यह वार्षिक उत्सव न केवल छात्रों की प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन था, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बना।

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