सूरत : नायलॉन यार्न पर एंटी-डंपिंग शुल्क मामला पेन्डिंग
सर्वे की जांच के बाद दुबारा नायलॉन यार्न उपयोग करने वाले और स्पीनर्स को बुलाया जायेगा
सूरत। नायलॉन यार्न पर एंटी डंपिंग ड्यूटी, बीआईएस और बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाने को लेकर शुक्रवार दोपहर 12 बजे दिल्ली स्थित उद्योग भवन के कमरा नंबर 47 में कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें 8 से 10 नायलॉन स्पिनर और बड़ी संख्या में वीवर लॉबी के साथ तिरुपुर एसोसिएशन भी मौजूद थी।
बैठक में नायलॉन स्पिनर्स ने सस्ते आयातित यार्न की डंपिंग और नायलॉन स्पिनर प्रफुल्ल ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड ने डिफॉल्टर होने के कारणों को प्रस्तुत किया और उन्हे आर्थिक नुकसान की बात कही।
इसके विरोध में बुनकर लॉबी के मयूर गोलवाला, आशीष गुजराती, मयूर चेवली, विमल बेकावाला, प्रतीक छटियावाला एवं वीडियो कॉन्फ्रेंस में उपस्थित बुनकरों ने सशक्त प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि प्रफुल्ल ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड जैसे हमारे हजारों बुनकर भाइयों को भी एनपीए कर दिया गया है। ऐसे उदाहरण इसलिए नहीं दिए जा सकते क्योंकि एनपीए के कई कारण हैं । स्पिनर लॉबी को कोई नुकसान या क्षति नहीं हो रही है। एंटी-डंपिंग ड्यूटी, बीआईएस या बुनियादी सीमा शुल्क लाभ को दो से तीन गुना बढ़ाने के लिए है, वे बाजार को मांग और आपूर्ति पर नहीं रखते हैं। नायलॉन स्पिनरों के लाभ और हानि बैलेंस शीट की जांच की जानी चाहिए और स्थानीय स्पिनर नायलॉन यार्न डबल ए की गुणवत्ता और रंग की गारंटी नहीं दे सकते हैं।
इसके अलावा, बुनकर नेता मयूर गोलवाला ने तर्क दिया कि कपड़ा मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को वर्ष 2020 में एंटी-डंपिंग ड्यूटी नहीं लगाने का लिखित निर्णय भेजा था। बढ़े हुए उत्पादन का प्रतिशत मिलान दिखाया गया था। जिसके अनुसार जांच की जानी चाहिए और आगे का निर्णय लिया जाना चाहिए । वर्तमान में बुनाई उद्योग अपग्रेड की ओर जा रहे हैं जिसमें 300 से 1200 आरपीएम तक उच्च गति वाली मशीनें चल रही हैं। जिनमें अच्छी गुणवत्ता वाले यार्न ही चल सकता है। वर्तमान में स्थानिय स्पीनर्स उस स्तर का यार्न नही दे पा रहे है।
इसके अलावा, आशीषभाई गुजराती ने कहा कि सूरत में हर महीने आठ से दस हजार टन नायलॉन एफडीवाई यार्न का उपयोग किया जाता है । 80,000 लुम्स मशीनें में उसका भारी मात्रा में उपयोग किया जा रहा हैं और कम से कम 1 लाख श्रमिक दैनिक मजदूरी अर्जित कर रहे हैं । अगर आयाती नायलोन यार्न बंद होगा तो आधुनिक मशीने भंगार के भाव बेचनी पडेगी और भारी संख्या में बेरोजगारी की समस्या होगी।
बैठक के अंत में कपड़ा मंत्री ने कहा कि आयातित नायलॉन यार्न के संबंध में एक स्वतंत्र सर्वेक्षण यानी जांच आवश्यक है और जांच पूरी होने के बाद स्पिनरों और नायलॉन यार्न का उपयोग करने वालों को दोबारा बुलाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।