संसद परिसर में ‘धक्का-मुक्की’ से भाजपा के दो सांसद घायल, राजग और कांग्रेस ने पुलिस में शिकायतें कीं
नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) संसद परिसर में बृहस्पतिवार को राजनीतिक कड़वाहट की पराकाष्ठा उस वक्त देखने को मिली जब बाबासाहेब आंबेडकर से संबंधित मुद्दे पर विपक्ष और सत्तापक्ष के सदस्य प्रदर्शन करते हुए एक दूसरे के सामने आ गए तथा कथित तौर पर धक्का-मुक्की की।
इसमें भारतीय जनता पार्टी के दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत चोटिल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
मुख्य विपक्षी कांग्रेस का आरोप है कि उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी समेत कई महिला सांसदों के साथ सत्तापक्ष के लोगों ने धक्का-मुक्की की।
अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के तीन सांसदों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ पुलिस को एक शिकायत देकर, उन पर संसद में ‘‘धक्का-मुक्की’’ के दौरान ‘‘शारीरिक हमला और उकसावे’’ में शामिल होने का आरोप लगाया है।
दूसरी तरफ, कांग्रेस नेताओं ने भी खरगे के साथ भाजपा सांसदों के कथित दुर्व्यवहार को लेकर संसद मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई।
खरगे का कहना है कि भाजपा सांसदों ने उन्हें धक्का दिया जिसकी वजह से उनका संतुलन बिगड़ गया और उन्हें वहीं पर नीचे बैठना पड़ गया।
भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के धक्का-मुक्की करने से 69 वर्षीय सारंगी घायल हो गए और उनके सिर पर टांके लगाए गए हैं। भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी अस्पताल में भर्ती कराए गए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सब गृह मंत्री अमित शाह की खाल बचाने के लिए रची गई्र साजिश है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सांसदों ने डंडे ले रखे थे और उन्होंने गुंडागर्दी की।
राहुल गांधी ने दावा किया कि भाजपा सांसदों ने उन्हें और अन्य विपक्षी सदस्यों को संसद भवन में जाने से रोका और धक्का-मुक्की की।
गृह मंत्री अमित शाह की, बाबासाहेब आंबेडकर से संबंधित टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्यों ने मार्च निकाला तो भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।
संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की।
कांग्रेस ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि भाजपा सदस्यों ने संसद परिसर में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई महिला सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की, जो भाजपा की तानाशाही को दिखाता है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘राहुल गांधी मारपीट करने के लिए बीच में घुसे थे। उनका व्यवहार मानो गुंडे का व्यवहार था, यह देश गुंडे को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने हमारे एक बुजुर्ग सांसद को धक्का देकर गिरा दिया।’’
राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं संसद के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन भाजपा के सांसद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे, धक्का दे रहे थे और धमका रहे थे।’’
उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा यह है कि संविधान और बाबासाहेब की स्मृति का अपमान हुआ है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं को बताया कि सारंगी के सिर में चोट लगी और खून रोकने के लिए कुछ टांके लगाए गए हैं।
चौहान और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अस्पताल जाकर सारंगी से मुलाकात भी की।
भाजपा के निशाने पर आए राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का समर्थन मिला। उन्होंने भाजपा के इस दावे को खारिज कर दिया कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद परिसर में सत्तारूढ़ पार्टी के दो सदस्यों को धक्का दिया। अब्दुल्ला ने कहा कि बुरा या अशिष्ट होना राहुल गांधी के स्वभाव में नहीं है।
विपक्ष के कई सदस्य बृहस्पतिवार को नीले रंग के कपड़े पहन कर संसद पहुंचे थे और उनके हाथ में बाबासाहेब की तस्वीर वाली तख्तियां थीं। नीला रंग आंबेडकर और उनके विचारों के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है।
अक्सर सफेद रंग की टी-शर्ट पहनने वाले राहुल गांधी बृहस्पतिवार को नीले रंग की टी-शर्ट पहनकर संसद पहुंचे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नीले रंग की साड़ी पहन रखी थी।
शाह की टिप्पणी को लेकर संसद के दोनों सदनों में बुधवार से गतिरोध बना हुआ है।
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।
मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं, ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’
दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और सुनिश्चित किया कि वह चुनाव में हार जाएं।