ज्ञानवापी के वुजूखाना के सर्वे मामले में सुनवाई 24 फरवरी तक टली
प्रयागराज, 18 दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने और अन्य हिस्सों के सर्वेक्षण के संबंध में वाराणसी की अदालत के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई बुधवार को 24 फरवरी 2025 तक के लिए टाल दी।
वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर कथित शिवलिंग को छोड़कर बाकी क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण कराने से मना कर दिया था।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने वाराणसी की अदालत में वादकारियों में से एक राखी सिंह द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर पारित किया। इस याचिका के जरिये 21 अक्टूबर 2023 के वाराणसी के जिला न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई है।
बुधवार को जब इस मामले में सुनवाई शुरू हुई, तब अदालत को बताया गया कि उच्चतम न्यायालय ने 12 दिसंबर 2024 को पारित अपने अंतरिम आदेश में निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई या अगले आदेश तक कोई भी अदालत सर्वेक्षण के निर्देश सहित कोई अंतरिम या अंतिम आदेश पारित नहीं करेगी। उच्चतम न्यायालय ने अगली सुनवाई की तिथि 17 फरवरी 2025 तय की है।
इस पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 24 फरवरी तय की।
राखी सिंह ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में दलील दी है कि न्याय हित में वुजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण आवश्यक है, क्योंकि इससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
हिंदू पक्ष के वकील की दलील है कि संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित करने के लिए वुजूखाना का एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) से सर्वेक्षण कराना आवश्यक है।
एएसआई वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का पहले की सर्वेक्षण कर चुका है और वाराणसी के जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एएसआई ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई 2023 के आदेश के मुताबिक सर्वेक्षण किया।