सूरत : तेलुगु छात्रों का आत्मीय सम्मेलन: 21 वर्षों बाद भूतपूर्व छात्रों का मिलन
सूरत के परवत गांव स्थित बालाजी मंदिर हॉल में आयोजित किया गया गेट-टु गेदर कार्यक्रम
सूरत। नगर प्राथमिक शाला क्रमांक 227 (तेलुगु माध्यम), मारूतीनगर लिंबायत के वर्ष 2002-03 के शैक्षणिक सत्र के कक्षा 7 के भूतपूर्व छात्रों का गेट-टुगेदर कार्यक्रम सूरत के परवत गांव स्थित बालाजी मंदिर हॉल में आयोजित किया गया। 21 सालों के लंबे अंतराल के बाद इन छात्रों का यह पुनर्मिलन हुआ, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों, तेलंगाना, और सूरत के विभिन्न क्षेत्रों से छात्र शामिल हुए।
इस आत्मीय सम्मेलन में छात्रों ने स्कूल के दिनों की यादें ताजा कीं और अपने जीवन में हो रही प्रगति और अनुभवों को एक-दूसरे के साथ साझा किया। उन्होंने अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट किया और जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षकों द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को याद किया।
पूर्व शिक्षक और तेलुगु समाज के अग्रणी रापोलु बुच्चिरामोलु (मास्टरजी) ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने माता-पिता, गुरुओं और दोस्तों के प्रति आदर-सम्मान का भाव हमेशा बनाए रखें। उन्होंने जीवन में संस्कार और विद्या के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मुश्किल समय में एक-दूसरे की मदद करना चाहिए और साल में कम से कम एक बार अपने करीबी लोगों को याद करना चाहिए।
गुरुओं ने छात्रों को अपने व्यस्त जीवन में समाज सेवा और सहयोग के महत्व को समझाते हुए कहा कि सफलता और आर्थिक स्थिरता के बावजूद विलासिता से बचते हुए समाज के कल्याण में योगदान देना चाहिए।
इस कार्यक्रम में पूर्व शिक्षक वज्रबेन, पद्मावती, लिंगाला यादगीरी, येन्नम सत्यनारायण, पोडेरी रामुलु, वेमुला श्रीनिवास, येन्नम श्रीनिवास, और सुभान उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन विशाल ने किया, जबकि इसे सफल बनाने के लिए छात्रों सागर, रजिता, और श्रीनिवास ने कड़ी मेहनत की। आयोजकों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया।
इस आत्मीय सम्मेलन ने पुराने दोस्तों को एक बार फिर से जोड़ दिया और यह उनके रिश्तों को नए सिरे से मजबूत करने का अवसर बना। साथ ही, यह कार्यक्रम युवाओं को अपने सामाजिक और नैतिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने में भी सफल रहा।