सूरत : पारिवारिक विवादों में सुलह की नई उम्मीद, लोक अदालत में सफलता
वकील प्रीति जिग्नेश जोशी की पहल से दो जोड़ों ने फिर से एक साथ रहने का फैसला किया, तलाक से बचाया
सूरत। सूरत में पारिवारिक विवादों के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि, हाल ही में दो जोड़ों ने लोक अदालत में सुलह कर तलाक से बचने का एक उदाहरण पेश किया है। वकील प्रीति जिग्नेश जोशी की पहल से ये दोनों जोड़े अपने नाबालिग बच्चों की खातिर एक साथ रहने के लिए राजी हुए हैं।
पति ने दिया भरोसा, पत्नी ने दिया साथ: तीन साल के अलगाव के बाद परिवार फिर से एकजुट
सूरत की पारिवारिक अदालत में लोक अदालत के माध्यम से पति-पत्नी ने विवाद सुलझाकर नाबालिग बेटे की खातिर नया जीवन शुरू किया। सूरत के कतारगाम में रहने वाली आशाबेन घोघारी और उनके पति प्रकाश घोघारी के बीच तीन साल से चला आ रहा विवाद आखिरकार सुलझ गया। उनकी शादी 2020 में सूरत में हुई थी, और उनका एक बेटा है। विवाह के शुरुआती समय में दोनों का रिश्ता सामान्य था, लेकिन समय के साथ मतभेद बढ़ने लगे।
बेटे के जन्म के बाद भी यह खाई भर न सकी, और 2021 में दोनों अलग हो गए। आशाबेन ने घरेलू हिंसा के खिलाफ मामला दायर किया। वकील प्रीति जिग्नेश जोशी के मार्गदर्शन में, दोनों पक्षों ने सुलह के लिए बातचीत शुरू की। वकील ने दोनों को समझाया कि विश्वास और प्रेम, किसी भी वैवाहिक जीवन की नींव हैं।
पति ने पत्नी और बच्चे की जिम्मेदारी लेने का वादा किया। पत्नी ने भी बीती बातों को भुलाकर भरोसा जताया। दोनों ने लोक अदालत में विवाद खत्म कर एक साथ रहने का फैसला किया।
संतान के लिए माता-पिता का पुनर्मिलन: सालभर के अलगाव के बाद रिश्ते को नया मौका
सूरत के जयसुख पाटिल और चंचला पाटिल ने पारिवारिक अदालत में सुलह के बाद अपनी शादी को बचाने का फैसला किया। सूरत के जयसुख पाटिल और चंचला पाटिल की शादी 2020 में हुई थी। उनके एक बेटा है। वैवाहिक जीवन का शुरुआती दौर सुखद रहा, लेकिन छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होने लगे। यह विवाद इतना बढ़ा कि 2023 में दोनों अलग हो गए।
अलगाव के बाद दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ अदालती मामले दायर किए। वकील प्रीति जिग्नेश जोशी और उनकी टीम ने दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने का प्रयास किया। वकीलों ने उन्हें समझाया कि परिवार और बच्चों के लिए आपसी सहमति कितनी महत्वपूर्ण है।
आखिरकार, दोनों ने अपने बेटे की खातिर विवाद खत्म कर, एक साथ रहने का फैसला किया। लोक अदालत में मामला सुलझने के बाद जयसुख और चंचला ने अपनी नई शुरुआत की।
सूरत जिला न्यायालय एवं पारिवारिक न्यायालय में आयोजित लोक अदालत में अधिवक्ता प्रीति जिग्नेश जोशी, संदीप आर. पटेल, बेला गिरनारा, उर्वी खत्री, जिगिसा सैलोर, एडवोकेट तृप्ति ठक्कर, निखिल रावल, राहुल कॉन्ट्रैक्टर, शिवानी चाहवाला, नीलेश मकवाना ने पारिवारिक अदालत के मामले के निपटारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अधिवक्ता प्रीति जिग्नेश जोशी ने बताया कि हाल के वर्षों में तलाक के मामलों में वृद्धि देखी गई है। परिवारिक अदालतें अब मेल-मिलाप के प्रयासों पर जोर दे रही हैं। हालांकि, लोगों में धैर्य और सहनशीलता की कमी के कारण विवाद बढ़ते हैं। लोक अदालतें, मध्यस्थता और काउंसलिंग, रिश्तों को बचाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
दोनों मामलों में, पारिवारिक अदालत और लोक अदालत ने एक अहम भूमिका निभाई। वकीलों और मध्यस्थों के प्रयास से टूटते परिवारों को एक नई दिशा मिली। यह साबित करता है कि सही मार्गदर्शन और संवाद से, रिश्ते फिर से बनाए जा सकते हैं।