सूरत : बच्चा बुरा नहीं होता, उसका आचरण बुरा होता है : डॉ. प्रशांत कारिया
बच्चों में सकारात्मक अनुशासन पर एक दिलचस्प सत्र आयोजित
सूरत। "बच्चा बुरा नहीं होता, उसका आचरण बुरा होता है।" इस संदेश के साथ डॉ. प्रशांत कारिया ने परम डॉक्टर हाउस में माता-पिता के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया। सत्र का मुख्य विषय था "बच्चों में सकारात्मक अनुशासन"।
सत्र की शुरुआत एक उदाहरण से हुई, जहां तीन वर्षीय बच्चे ह्रदय की जिद ने उसके माता-पिता को असमंजस में डाल दिया। बच्चे ने सड़क पर लोट-लोटकर रोना शुरू कर दिया, जिससे मजबूर होकर माता-पिता ने उसकी मांग पूरी कर दी। इस घटना के आधार पर डॉ. कारिया ने माता-पिता से सवाल किए।
क्या जिद पूरी करना सही था?
क्या थप्पड़ मारना उचित था?
और विकल्प क्या हो सकते थे?
बच्चों में सकारात्मक अनुशासन के उपाय:
डॉ. कारिया ने बच्चों के व्यवहार को सकारात्मक रूप से सुधारने के लिए कई सरल और व्यावहारिक सुझाव दिए:
1. शांत रहें: जब बच्चा सार्वजनिक स्थान पर तमाशा करे तो माता-पिता को संयम बनाए रखना चाहिए। गुस्से में प्रतिक्रिया देने से समस्या बढ़ सकती है।
2. नजरअंदाज करें और दृढ़ रहें: बच्चों के नखरों को नजरअंदाज करें। "टाइम आउट" विधि अपनाएं: बच्चे को उसकी उम्र के अनुसार (उदाहरण: 3 साल = 3 मिनट) उपेक्षित रखें। "नहीं" कहते समय दृढ़ रहें और बच्चे की मांग के आगे न झुकें।
3. पुनर्निर्देशन: बच्चे का ध्यान उसकी जिद से हटाकर किसी अन्य दिलचस्प गतिविधि की ओर लगाएं। उदाहरण: “चलो पार्क में खेलें।”
4. अच्छे व्यवहार की प्रशंसा करें: बच्चे को समझाएं कि उसकी जिद सही नहीं है। अच्छे व्यवहार के लिए प्रोत्साहन दें और सीखने के अवसर प्रदान करें। उदाहरण: "नए खिलौने तभी मिलेगी, जब पुराने किसी जरूरतमंद को दान की जाएगी।"
5. समय दें: बच्चों को उनके शुरुआती वर्षों में अधिक समय दें। हर रात पंचतंत्र की कहानियां सुनाकर नैतिक मूल्यों को सिखाएं।
डॉ. कारिया ने माता-पिता को याद दिलाया कि बच्चों का आचरण उनके व्यक्तित्व को परिभाषित नहीं करता। यदि बच्चे के व्यवहार में खामियां हैं, तो सकारात्मक अनुशासन के जरिए उन्हें सुधारा जा सकता है।
"बच्चे को प्यार और सही मार्गदर्शन दें। यही उनके उज्जवल भविष्य की नींव है।" इस सत्र ने माता-पिता को बच्चों के व्यवहार प्रबंधन के लिए उपयोगी और प्रभावी उपाय सिखाए, जो उनके पालन-पोषण में सहायक सिद्ध होंगे।