कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव संपन्न, बुल्गारियाई फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का खिताब जीता
कोलकाता, 12 दिसंबर (भाषा) मिल्को लाजारोव द्वारा निर्देशित बुल्गारियाई फिल्म ‘स्टैडोटो (तरीका)’ को बुधवार को संपन्न हुए 30वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (केआईएफएफ) के अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित किया गया।
पनामा की निर्देशक एना एंडारा को उनकी फिल्म ‘क्वेरिडो ट्रोपिको’ (बीलव्ड ट्रॉपिक) के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में ‘स्टैडोटो’ को ‘गोल्डन रॉयल बेंगाल टाइगर’ पुरस्कार मिला और नवोन्मेष को लेकर 51 लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिली, जबकि एंडारा को अंतरराष्ट्रीय खंड में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के रूप में 21 लाख रुपये मिले।
‘स्टैडोटो’ के निर्देशक मिल्को लाजारोव को इस फिल्म के लिए अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में ‘फिप्रेसी’ पुरस्कार भी मिला।
यह फिल्म एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जो अपनी प्रतिभाशाली बेटी से प्यार करता है, और उसके लिए वह पूर्वाग्रही शहरवासियों के विरूद्ध खड़ा हो जाता है।
समारोह के बाद लाजारोव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरी फिल्म आत्मा की स्वतंत्रता के बारे में बात करती है। सिनेमा की एक सार्वभौमिक भाषा होती है। मुझे खुशी है कि इसे यहां इतनी प्रशंसा मिली।’’
अंतरराष्ट्रीय खंड में विशेष जूरी पुरस्कार एलेजांद्रो गेरबर बिसेकी की ‘एरिलो डी होम्ब्रे मुएर्टो’ (डेड मैन्स स्विच) (मेक्सिको) को दिया गया।
भारतीय भाषा फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का खिताब (हीरालाल सेन मेमोरियल पुरस्कार) आर्यन चंद्र प्रकाश को उनकी फिल्म 'आजूर' के लिए दिया गया। इस फिल्म के लिए पांच लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी गयी।
भारतीय भाषा की फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए हीरालाल सेन मेमोरियल पुरस्कार कृष्णगौड़ा की ‘लच्छी’ को मिला, जिसे 10 लाख रुपये नकद दिए गए।
भारतीय भाषा फिल्मों में विशेष जूरी पुरस्कार तन्मय शेखर के ‘नुक्कड़ नाटक’ (एक नुक्कड़ नाटक) को मिला।
बंगाली पैनोरमा में अभिजीत चौधरी की ‘ध्रुबोर अशोरजो जीबोन’ (ध्रुबो का विचित्र जीवन) विजेता रही, जिसे 7,50,000 रुपये की पुरस्कार राशि मिली।