सूरत : उत्तरायण से पहले पतंग की डोर बनी मौत का कारण, युवक की मौत
प्रदेश में पतंग की डोर से हादसों का सिलसिला जारी, प्रशासन की बेरुखी सवालों के घेरे में
सूरत: गुजरात में उत्तरायण का त्योहार आने से पहले ही पतंग की डोर से होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूरत के ओलपाड़ तालुक के कीम गांव में रेलवे ओवरब्रिज पर एक युवक की जानलेवा पतंग की डोर से गला कटने से मौत हो गई।
मृतक युवक की पहचान उमरपाड़ा तालुक के शारदा गांव के शैलेश एस वसावा (37 वर्ष) के रूप में हुई है। बताया जाता है कि वह अपनी पत्नी के साथ घर लौट रहा था, तभी यह हादसा हुआ। गंभीर हालत में उसे सूरत सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले अहमदाबाद के घोडासर इलाके में भी चीनी पतंग की डोर से गला कटने से 27 वर्षीय बाइक सवार की मौत हो गई थी। नडियाद में भी पतंग की डोर से एक लड़की की जान जा चुकी है।
उत्तरायण से महज कुछ ही महीने पहले से ही पतंग की डोर से होने वाली मौतों की खबरें आना शुरू हो गई हैं। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध होने के बावजूद बाजारों में ये आसानी से उपलब्ध हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि वे पतंग की डोर से होने वाली मौतों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। चाइनीज मांझे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। साथ ही, लोगों को पतंग उड़ाने के दौरान सावधानी बरतने के लिए जागरूक किया जाए।