सूरत : गुजरात बार काउंसिल का ऐतिहासिक निर्णय, सभी जिला बार एसोसिएशनों में महिला प्रतिनिधि अनिवार्य
सूरत की वकील प्रीति जिग्नेश जोशी के प्रयासों से मिली सफलता, महिला वकीलों को मिलेगा मजबूत प्रतिनिधित्व
सूरत। गुजरात राज्य में महिला वकीलों के लिए एक नया अध्याय शुरू हो गया है। गुजरात बार काउंसिल ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सभी जिला बार एसोसिएशनों में एक "महिला प्रतिनिधि" का पद अनिवार्य रूप से आरक्षित करने का आदेश जारी किया है। यह फैसला सूरत की महिला वकील प्रीति जिग्नेश जोशी की पहल पर लिया गया है।
गुजरात बार काउंसिल के चेअरमेन जे.जे.पटेल, वाईस चेअरमेन मुकेश सी. कामदार और एक्जीक्युटीव कमिटि के चेअरमेन नलिन डी. पटेल ने 18 नवंबर 2024 को राज्च की सभी जिला बार एसोसिएशनों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि आगामी 20 दिसंबर, 2024 को होने वाले चुनाव में सभी जिला बार एसोसिएशनों को नियमित सदस्यों के अतिरिक्त एक "महिला प्रतिनिधि" का पद अनिवार्य रूप से आरक्षित करना होगा। काउंसिल ने कहा कि यह फैसला गुजरात राज्य की अदालतों में बड़ी संख्या में महिला वकीलों के प्रैक्टिस करने और उनके मुद्दों को बेहतर ढंग से उठाने के लिए लिया गया है।
इस फैसले से गुजरात की महिला वकीलों को बार एसोसिएशनों में एक मजबूत मंच मिलेगा। वे अब अपने मुद्दों को सीधे तौर पर उठा सकेंगी और कानूनी पेशे में महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए काम कर सकेंगी।
सूरत की महिला वकील प्रीति जिग्नेश जोशी ने इस मुद्दे को बार-बार उठाया था। उन्होंने गुजरात बार काउंसिल से मांग की थी कि सभी जिला बार एसोसिएशनों में महिला प्रतिनिधि का पद आरक्षित किया जाए। उनकी इस पहल को सफलता मिली है और गुजरात बार काउंसिल ने उनके सुझाव को मानते हुए यह फैसला लिया है।
गुजरात बार काउंसिल का यह फैसला राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे महिलाओं को कानूनी पेशे में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और वे समाज में एक सक्रिय भूमिका निभा सकेंगी। गुजरात बार काउंसिल के इस फैसले से अन्य राज्यों के बार काउंसिल को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी अपने राज्य में महिला प्रतिनिधि का पद आरक्षित करने पर विचार कर सकते हैं।