सूरत : शिक्षकों के लिए प्रेरणादायी शिक्षक तैयारी सेमिनार

दीप दर्शन, माधवबाग और शारदा विद्यामंदिर के शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर लिया भाग

सूरत : शिक्षकों के लिए प्रेरणादायी शिक्षक तैयारी सेमिनार

सूरत : सूरत के शुभम शैक्षणिक संकुल में आज एक विशेष शिक्षक तैयारी सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में दीप दर्शन विद्या संकुल, माधवबाग विद्या भवन और श्री शारदा विद्यामंदिर के लगभग 200 गुजराती माध्यम के शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसके अलावा तीनों स्कूलों के शिक्षा सलाहकार सवजीभाई पटेल और तीनों स्कूलों के प्रबंधक, प्राचार्य और उपाचार्य भी उपस्थित थे। 

सेमिनार में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में पीयूषभाई जोशी, डॉ. विजयभाई ठक्कर और किरणभाई साजोद ने शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण पद्धतियों, और छात्रों के साथ बेहतर जुड़ाव के तरीकों से अवगत कराया। सेमिनार में शिक्षक-अभिभावक-छात्र संबंधों पर भी गहन चर्चा हुई।

दीप दर्शन विद्या संकुल की प्रिंसिपल जिगीशाबेन पटेल ने वक्ता का परिचय के साथ स्वागत किया। सेमिनार का उद्घाटन करते हुए कहा कि, "यह सेमिनार शिक्षकों को नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करेगा।" फिर सेमिनार शुरू हुआ।

सेमिनार के पहले सत्र में पीयूषभाई जोशी एक विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित थे जिन्होंने "सेल्फ टॉक" विषय पर अपने व्याख्यान में शिक्षकों को सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए प्रेरित किया।

सेमिनार के दूसरे सत्र में वक्ता किरणभाई साजोद का स्वागत एवं परिचय शारदा विद्यामंदिर की प्राचार्य नितलबेन पटेल ने किया। फिर वक्ता किरणभाई सज्जोद ने "कुछ अलग, कुछ नया और दूसरों से थोड़ा अधिक" विषय पर चर्चा की और शिक्षकों को गतिविधियों के साथ नृत्य में व्यस्त कर एक भव्य मनोरंजन प्रदान किया।

बालभवन विभाग में वक्ता डॉ. विजयभाई ठक्कर द्वारा " चलो बच्चो से करिए प्यार " पर शिक्षकों के लिए गतिविधि और बच्चों के साथ सक्रिय रहते हुए उन्हें कैसे शिक्षित किया जाए? इसके संबंध में बहुत सुंदर मार्गदर्शन दिया गया।

सेमिनार के दोनों सत्रों में बहुत स्पष्ट एवं सटीक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें शिक्षक-अभिभावक-छात्र एवं विद्यालय पर गहन चर्चा हुई। यह सेमिनार शिक्षकों के लिए एक ज्ञानवर्धक अनुभव रहा और इससे उन्हें अपने शिक्षण कौशल को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। संगोष्ठी के अंत में माधवबाग विद्या भवन के आचार्य कश्मीराबेन रूपाणी एवं शारदा विद्यामंदिर के आचार्य रामभाई परमार ने कार्यक्रम की पूर्णाहुति की घोषणा की। 

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