जूनागढ़ : गिरनार की परिक्रमा में दो दिनों में हार्ट अटैक से 9 की मौत

गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित गिरनार पर्वत की लिली परिक्रमा के दौरान पिछले दो दिनों में 9 लोगों की मौत

जूनागढ़ : गिरनार की परिक्रमा में दो दिनों में हार्ट अटैक से 9 की मौत

जूनागढ़, 13 नवंबर (हि.स.)। गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित गिरनार पर्वत की लिली परिक्रमा के दौरान पिछले दो दिनों में अब तक हार्ट अटैक से 9 लोगों की मौत हो चुकी है। सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। इनमें 8 शवों को जूनागढ़ सिविल हॉस्पिटल जबकि एक को भेंसाण सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया।

गिरनार पर्वत की परिक्रमा के दौरान सीने में असह्य दर्द परिक्रामार्थियों के लिए जानलेवा साबित हुआ है। सोमवार सुबह 6 बजे प्रशासन ने परिक्रमा का गेट खोला था। सोमवार और मंगलवार के दौरान 9 लोगों की मौत हो चुकी है। जूनागढ़ सिविल हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट कृतार्थ ब्रह्मभट्ट ने मीडिया को बताया कि परिक्रमा के दौरान हृदयाघात के कारण 9 लोगों की मौत हुई है। इन सभी को जूनागढ़ सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया है। वहीं एक व्यक्ति को भेंसाण हॉस्पिटल ले जाया गया है। मृतकों में मूलजी लोखिल (राजकोट, 66), पुरुषोत्तम भोजाणी (जसदण, 50), हमीर लमका (अमरसर 65), रसिक भरडवा (देवला, 60), मनसुख (राजकोट, 70), आला चावडा (गांधीधाम, 50), अरविंद सिंघव (राजकोट, 54), अरुण टेलर (मुंबई, 55), पटेल नटवरलाल देवचंद (अहमदाबाद, 70) शामिल हैं।

जूनागढ़ की गिरनार की लिली परिक्रमा में इस साल यात्रियों की सुविधा के लिए लाइट की व्यवस्था की गई है। इसमें कठिन चढ़ाई वाली नलपाणीकी घोड़ी, जटाशंकर गिरनार जूनी सीढ़ी और इंटवा घोड़ी चढ़ाई और उतार क्षेत्र में पहली बार डीजल जनरेटर के जरिए लाइट लगी है। गिरनार पर्वत की 36 किलोमीटर के परिक्रमा पथ को इन्द्रेश्वर भारती बापु गेट, दूधेश्वर महादेव मंदिर के समीप विधिवत पूजा कर परिक्रमा शुरू की गई थी। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सोमवार सुबह 6 बजे से परिक्रमा गेट खोल दिया गया। मंगलवार रात 8 तक 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यात्रा शुरू कर दी थी। इसमें 4 लाख श्रद्धालु तलहटी की परिक्रमा रूट पर हैंए बाकी के 3 लाख लोगों ने नलपाणीकी घोड़ी पार कर लिया था। गर्मी के कारण सुबह से लेकर दोपहर तक श्रद्धालुओं की संख्या कम होती है, जबकि दोपहर बाद श्रद्धालुओं की संख्या चारों ओर नजर आने लगती है। रास्ते में कई जगहों पर श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है।