सूरत : भगवान के दर्शन से भी अधिक महिमा संत दर्शन की : संत शंभू शरण लाटा
हानि-लाभ, जीवन-मरण, यश- अपयश विधि हाथ, यह 6 चीजें विधि के हाथ में है
हानि - लाभ, जीवन - मरण, जश-अपजश विधाता के हाथ में है। इन 6 चीजों पर मनुष्य का कोई जोर नहीं चलता है। यह बात संत शंभू शरण लाटा ने रविवार को सिटीलाइट अयोध्या धाम में भक्तों को भरत मिलाप प्रसंग का वर्णन करते हुए कही। अग्रवाल समाज ट्स्ट एवं श्री लक्ष्मी नाथ सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा में संगीतमय धुन पर राम चरित मानस की चौपाइयां पर भक्तगण आनंदित होते दिखे। कथा में राम वनवास और दशरथ जी का मरण होने के बाद भरत - शत्रुघ्न ननिहाल से बुलवाए जाते हैं। भरतजी के हाथों पिता का तर्पण कराया जाता है। भरत को राजा घोषित किया जाता है।
महाराजजी ने भरत - कैकेई संवाद में भरत के आक्रोश को बडे ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। इसके बाद रामजी को मनाने सपरिवार एवं गुरूजनों के साथ चित्रकूट जाते हैं। रास्ते में गंगा- जमुना में स्नान करते हैं, लेकिन सरस्वती नदी में स्नान नहीं करते हैं। वे अपनी मां कैकेई को दुश्मन मानते है।चित्रकूट में लाख प्रयास के बावजूद अंत में राम जी की खडाऊ लेकर वापस अयोध्या आकर एक संन्यासी की भांति राज पाठ सम्हाल लेते हैं। सीताराम चरन रति मोरे,अनुदिन बढहूं अनुग्रह तोरे। भगवान से उनके चरणों में प्रीति मांगनी चाहिए। प्रेम वह होता है जो बढता है, वासना घटती है।
उन्होंने बताया कि भगवान के दर्शन से भी ज्यादा महिमा संत दर्शन की है।मिले कोई ऐसा संत फकीर .....भव दरिया के हो जाए तीर.... महाराज ने कहा कि संत वह है जो सोए हुए को जगाए। जूता व पादुका में बड़ा अंतर है जूता पांव को संभालता है जबकि पांव पादुका को संभालते हैं। उसके बाद ब्रह्मा, विष्णु ,महेश का ब्रह्ममण रूप धारण कर सती अनसूया के पास आना आदि प्रसंग का वर्णन किया। संत शंभू शरण लाटा दवारा कथा के बीच क्या भरोसा इस जिंदगी का ,,...करले जीव राम भजन एवं गाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ़ कंवर तेजा रे ....आदि भजनों की प्रस्तुति से पंडाल में उपस्थित श्रोतागण भाव विभोर हुए ।
नित्य प्रातः काल श्री रामचरितमानस का पाठ कल सुबह और शाम दोनो समय किया जाना तय हुआ है। कारण मंगलवार को प्रातः काल का पाठ 10 बजे समापन होगा ,उसके पश्चात शांति हवन का कार्यक्रम और सायंकाल में शालीग्राम बारात एवं तुलसी विवाह का भव्य आयोजन रहेगा।
अग्रवाल समाज ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी सोनू अग्रवाल ने बताया कि इस रविवार को कथा में कैलाश लोहिया, रामकरण बाज़ारी, जीवनराम सिंघल,राम भाई,कुंजबिहारी केडिया,अशोक टिबरेवाल एवं सुभाष जगनानी सहित कई गणमानय उपस्थित थे। ट्रस्ट के चेयरमैन श्याम खैतान, कोषाध्यक्ष गोवेर्धन मोदी, राकेश बजावा, राजू लोहिया एवं श्री लक्ष्मीनाथ सेवा समिति के सदस्य महेश देवड़ा, प्रदीप सराफ, मधु शर्मा आदि उपस्थित थे।
ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष सुशील बजाज एवं सरंक्षक संजय जगनानी ने बताया कि आवला नवमी का प्रोग्राम भी कथा स्थल पर धूमधाम से मनाया गया और 1000 दीपक के साथ सामुहिक महाआरती की गयी।