सूरत के लिए अलग डीआरएम कार्यालय की मांग फिर उठी

सूरत रेलवे स्टेशन को बेहतर सुविधाएं देने के लिए उठाया गया कदम

सूरत के लिए अलग डीआरएम कार्यालय की मांग फिर उठी

सूरत: सूरत में डीआरएम कार्यालय की स्थापना की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। सूरत ग्रोथ हब ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर इस मांग को दोहराया है।

सूरत ग्रोथ हब के अनुसार, सूरत रेलवे स्टेशन पश्चिमी क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा स्टेशन है और प्रतिदिन हजारों यात्रियों की सेवा करता है। इसके बावजूद, यह स्टेशन मुंबई डिवीजन के अधीन है। जिसके कारण सूरत को आवश्यक रेलवे सुविधाएं मिलने में बाधा आ रही है।

पत्र में कहा गया है कि सूरत जैसे विकसित शहर को एक स्वतंत्र डीआरएम कार्यालय की आवश्यकता है। इससे न केवल सूरत को बेहतर रेलवे सुविधाएं मिलेंगी बल्कि मुंबई डिवीजन पर से भी बोझ कम होगा।

मुंबई डिवीजन पर बढ़ता बोझ

सूरत से प्रतिदिन 31,000 से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। मुंबई डिवीजन पर पहले से ही इतना अधिक बोझ है कि वह सूरत जैसे बड़े शहर पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पा रहा है। एक स्वतंत्र डीआरएम कार्यालय के गठन से सूरत, भरूच, जलगांव और दहानू जैसे क्षेत्रों को बेहतर रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान की जा सकती है।

स्थानीय लोगों की मांग

स्थानीय लोगों का मानना है कि एक स्वतंत्र डीआरएम कार्यालय होने से सूरत में रेलवे सेवाओं में सुधार होगा, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और क्षेत्र का विकास होगा।

सूरत ग्रोथ हब का आग्रह

सूरत ग्रोथ हब ने केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने और सूरत के लिए एक स्वतंत्र डीआरएम कार्यालय की स्थापना करने का आग्रह किया है।

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