सूरत :  ट्रेन से पुनः गुरुवार-शुक्रवार को भेजे जाएंगे पार्सल 

दीपावली के बाद भी ग्राहकी की पूरी उम्मीद के बीच कपड़ा मार्केटों से पार्सलों का निकलना जारी 

सूरत :  ट्रेन से पुनः गुरुवार-शुक्रवार को भेजे जाएंगे पार्सल 

दीपावली एवं छठ की खरीदी पूर्ण होने के बावजूद कपड़ा मार्केट से पार्सलों का निकलना जारी है, जिससे मार्केट परिसर से लेकर ट्रांसपोर्ट गोदामों तक भारी मात्रा में पार्सल के ढेर लगे हुए हैं। हालांकि दीपावली की बाद ग्राहकी थोड़ा स्लो होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर भारत की मंडियों में कपड़ों की मांग अधिक होने से टेक्सटाइल मार्केट से पार्सल उत्तर भारत के लिए बड़े पैमाने पर निकल रहे हैं। 

 आरके ट्रांसपोर्ट के नीरज सिंह ने बताया कि अन्य ट्रांसपोर्टों के साथ मिलकर सोमवार एवं मंगलवार को लगातार 25-25 कोचों की दो ट्रेनें पटना और मुजफ्फरपुर के लिए भेजे गए। इसके बाद गुरुवार और शुक्रवार को पुनः 25-25 कोचों के ट्रेन पार्सलों से भरकर भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रति ट्रेन में तकरीबन 40 से 45 ट्रकों का माल एक साथ भेजे जा रहा है। इसके बावजूद ट्रांसपोर्ट गोदाम में पार्सल कम नहीं हो रहे हैं। जिसका मुख्य कारण देवउठनी एकादशी से ही शादी विवाह के प्रसंग शुरू होने के साथ अनवरत मई-जून तक जारी रहना है। शादी-विवाह के मुहूर्त होने से ग्राहकी की उम्मीद के साथ कपड़ा कारोबारी पूरा रेंज लगाने में जुटे हुए हैं, ताकि ग्राहकों को लुभा सके। 

नीरज सिंह ने कहा कि पिछले 20-25 दिनों से बहुतायत संख्या में पार्सलों का आना जारी है, लेकिन हम सभी ट्रांसपोर्टरों के साथ मिलकर पार्सलों को बाहर की मंडियों में पहुंचाने में जुट हैं। हम अपने गोदाम तक आने वाले पार्सलों को ट्रेन एवं ट्रकों के माध्यम से सुरक्षित एवं समय से बाहर की मंडियों में भेजने के लिए प्रयासरत हैं। 

मिलेनियम टेक्सटाइल मार्केट ट्रेडर्स एसोसिेशन के कमिटी मेंबर एवं व्यापारी अग्रणी कमलेश जैन ने बताया कि हिन्दू धर्म के बड़े पर्व दीपावली एवं धार्मिक पर्व छठ के बाद शादी के मूहुर्त शुरु होने से उत्तर भारत की मंडियों में कपड़ों की जबरदस्त मांग रहने की उम्मीद के साथ वहां के कपड़ा कारोबारी माल स्टॉक करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि शादी विवाह में हैवी रेंज की साड़ियों की मांग अधिक होने से व्यापारी महंगी साड़ियों के ऑर्डर अधिक दे रहे हैं। यही नहीं बल्कि दीपावली बाद के ऑर्डर 15 दिन पहले ही दे चुके हैं। यही कारण है कि व्यापारी अपने सहूलियत के अनुसार पार्स तैयार कर ट्रांसपोर्ट में भेजवा रहे हैं। 

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