सूरत : नगर निगम को जल संरक्षण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, तृतीयक उपचार से 145 करोड़ की आय

तृतीयक उपचार और जल पुनर्चक्रण के लिए मिला सम्मान

सूरत : नगर निगम  को जल संरक्षण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, तृतीयक उपचार से 145 करोड़ की आय

सूरत ने एक बार फिर देश में जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका साबित की है। सूरत नगर निगम को हाल ही में राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार नगर निगम के उत्कृष्ट जल प्रबंधन, विशेषकर तृतीयक उपचार और जल पुनर्चक्रण के प्रयासों के लिए दिया गया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में सूरत नगर निगम के प्रतिनिधियों को यह पुरस्कार प्रदान किया। सूरत नगर निगम के मेयर दक्षेश मवानी, स्थायी समिति के अध्यक्ष राजन पटेल और नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को ग्रहण किया। इस अवसर पर केन्द्रिय जल शक्ति मंत्री और सूरत नवसारी के सांसद तथा गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटिल भी उपस्थित रहे। 

सूरत नगर निगम ने तृतीयक उपचार संयंत्रों के माध्यम से उपचारित जल का पुन: उपयोग करके न केवल जल संसाधनों का संरक्षण किया है, बल्कि इससे 145 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय भी प्राप्त की है। यह उपचारित जल उद्योगों को भी आपूर्ति किया जा रहा है, जिससे मीठे पानी की बचत हो रही है।

सूरत नगर निगम ने जल संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • उद्योगों को उपचारित जल की आपूर्ति: इससे उद्योगों की पानी की आवश्यकता पूरी हो रही है और मीठे पानी के दबाव को कम किया जा रहा है।
  • आय उत्पन्न करना: उपचारित जल बेचकर नगर निगम अपनी आय बढ़ा रहा है।
  • बोरवेल रिचार्ज: भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए बोरवेल रिचार्जिंग की जा रही है।
  • वृक्षारोपण: पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है।

देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

यह पहली बार नहीं है जब सूरत ने देश में शीर्ष स्थान हासिल किया हो। इससे पहले, सूरत को देश का सबसे स्वच्छ शहर और सबसे स्वच्छ हवा वाला शहर चुना जा चुका है। राष्ट्रीय जल पुरस्कार मिलने के साथ ही सूरत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह देश में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण का एक आदर्श शहर है।

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