सूरत : प्रतिदिन 350 ट्रकों के अलावा सतत चार दिनों से ट्रेन से भेजे जा रहे हैं पार्सल
दीपावली-छठ की ग्राहकी पूर्ण होने के बावजूद पार्सलों के लग रहे हैं अंबार
कपड़ा मार्केट में दीपोत्सव पर दीपावली एवं छठ पर्व की ग्राहकी लगभग पूर्ण होने के बावजूद डिस्पैचिंग का कार्य सतत जारी होने से मार्केट परिसर एवं ट्रांसपोर्टरों के गोदामों में पार्सलों के ढेर लगे हुए हैं। बाहर की कपड़ा मंडियों में ग्राहकी होने से सूरत टेक्सटाइल मार्केट में पिछले एक-डेढ़ महीने से बहुत ही अच्छी ग्राहकी रही, जिससे बड़े पैमाने पर डिस्पैचिंग हुई और बाहर की मंडियों में बड़े पैमाने पर सुरक्षित पार्सल पहुंचाए गए और हाल में पार्सल पहुंच भी रहे हैं। आलम यह है कि हाल के दिनों में 350 ट्रकें प्रतिदिन बाहर की मंडियों में पार्सलों को लेकर रवाना हो रही हैं। इसके अलावा 20 कोच, 25 कोच की ट्रेन भी सतत चार दिनों से पटना एवं मुजफ्फरपुर के लिए भेजे जा रहे हैं। बावजूद इसके ट्रांसपोर्ट गोदामों में पार्सल कम नहीं हो रहे हैं।
सूरत टेक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रमुख युवराज देसले एवं आरके ट्रांसपोर्ट के नीरज सिंह ने लोकतेज से बताया कि पिछले चार दिनों से डिस्पैचिंग लगातार बढ़ती जा रही है। इसका मुख्य कारण है कि दीपावली के बाद शादी-विवाह के प्रसंग शुरू होने से बाहर की मंडियों में अच्छी ग्राहकी रहने की उम्मीद से बाहर के व्यापारी बड़े पैमाने पर माल मंगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोज की तुलना में रविवार को लगभग 10 प्रतिशत ज्यादा पार्सल गोदामों में पहुंचे। शनिवार से लगातार 340 से 350 ट्रकें बाहर की मंडियों में पार्सलों को लेकर रवाना हो रही हैं। इसके अलावा 40-45 ट्रकों के माल चार दिनों से सतत ट्रेनों द्वारा भेजे जा रहे हैं। इसके बाद भी पार्सलों के अंबार लगे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि बाहर की मंडियों के कपड़ा व्यापारियों को मालूम है कि दीपावली के बाद सूरत की कपड़ा मंडी 15 दिनों तक लगभग बंद रहती है, जिससे दीपावली के बाद पार्सल पहुंचने में 20 से 25 दिन का समय व्यतीत हो जाएगा। उधर दीपावली के तुरंत बाद से ही उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तरखंड, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के ग्रामीण एवं शहरी बाजारों में अच्छी ग्राहकी निकालने की उम्मीद है। यही कारण है कि उत्तर भारत की मंडियों के कारोबारी दीपावली से पहले पार्सल मंगवाकर स्टाक कर लेना चाहते हैं।
बीते अप्रैल, मई एवं जून में शादियों के मुहूर्त नहीं होने से आगामी नवंबर, दिसंबर एवं जनवरी में बड़ी संख्या में शादी-विवाह के साथ अनेक धार्मिक एवं सामाजिक प्रसंग होने से बाहर की मंडियों के बाजारों में कपड़ों की मांग अधिक रहने से बड़े पैमाने पर कपड़ों का रेंज कलेक्शन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रकों के साथ ही साथ ट्रेनों से भी पार्सल भेजे जा रहे हैं।