अहमदाबाद : जीएसटी धोखाधड़ी मामले में ईडी की गुजरात में 23 जगहों पर छापेमारी

देश भर में 200 से अधिक फर्जी कम्पनियां बनाकर जीएसटी बोगस बिलिंग घोटाले का आंकड़ा 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक

अहमदाबाद : जीएसटी धोखाधड़ी मामले में ईडी की गुजरात में 23 जगहों पर छापेमारी

अहमदाबाद, 17 अक्टूबर (हि.स.)। जीएसटी धोखाधड़ी मामले में अहमदाबाद पुलिस की कार्रवाई के बाद अब केन्द्रीय एजेंसी भी जांच से जुड़ चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नए तरीके से प्राथमिकी दर्ज करके छापेमारी शुरू की है। ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य के खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में ईडी की अहमदाबाद इकाई ने गुरुवार को गुजरात के सात शहरों अहमदाबाद, भावनगर, जूनागढ़, वेरावल, राजकोट, सूरत और कोडिनार में कुल 23 परिसरों की तलाशी ली है। इस मामले में पहले ही पत्रकार महेश लांगा समेत कई अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

दरअसल, डायरेक्टर जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) के निदेशक हिमांशु जोशी ने 7 अक्टूबर को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके अनुसार अहमदाबाद की ध्रुवी इंटरप्राइजेज नाम की फर्जी कंपनी रजिस्टर्ड कराकर एक गिरोह ने बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया। इस गिरोह ने देश भर में 200 से अधिक फर्जी कंपनी रजिस्टर्ड करवाई और करोड़ों रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया। इसके लिए इन्होंने हजारों करोड़ रुपये का बोगस बिल भी जनरेट किया। इस शिकायत के बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने राज्यव्यापी छापेमारी शुरू की। प्राथमिक जानकारी में ही 200 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का खुलासा हुआ। गुजरात में हाल जीएसटी बोगस बिलिंग घोटाले का आंकड़ा 50 हजार करोड़ रुपये अधिक हो गया है। इन अलग-अलग केसों की जांच की जा रही है।

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने इससे पहले अहमदाबाद, जूनागढ़, सूरत, खेड़ा और भावनगर में 14 जगहों पर छापेमारी की थी। इसमें 12 फर्जी फर्म के बारे में पता चला था। इसमें 33 से अधिक संचालकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो सौराष्ट्र क्षेत्र के भाजपा विधायक भगवान बारड के पुत्र अजय बारड और पत्रकार महेश लांगा की संलिप्तता सामने आई। प्राथमिक जांच के अनुसार दोनों ने साथ मिलकर देश में 200 से अधिक फर्जी फर्म के जरिए करोड़ों रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया था। सेंट्रल जीएसटी ने क्राइम ब्रांच की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। इसमें पता चला कि इस प्रकार की फर्जी फर्म बनाने के लिए फर्जी पहचान पत्र, दस्तावेज का उपयोग किया गया। इसी मामले में पत्रकार महेश लांगा समेत कई अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।