सूरत : पोस्टर विवाद के बाद अंजनी इंडस्ट्रीयल में 70 से 80 प्रतिशत लूम्स कारखानें कार्यरत
डर के साए में काम पर आ रहे हैं कारीगर, 6 दिनों में करोड़ों का नुकसान
शहर के अमरोली स्थित अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट में तकरीबन 6 दिन पूर्व कोई आसामाजिक तत्व उड़िया भाषा में लिखकर जगह-जगह पोस्टर चस्पा दिया था,जिसमें लिखा था कि 20 पैसे प्रति मीटर की भाव बढ़ोतरी के बाद ही कारीगर काम पर जाएं। बिना भाव बढ़े यदि कोई कारीगर काम पर जाता है उसकी जवाबदारी खुद की होगी। इस पोस्टर के बाद उड़िया कारीगर काम करना बंद कर दिए। परिणाम स्वरूप 6 दिनों तक लगातार अंजनी इंडस्ट्रियल एस्टेट की तकरीबन 800 लूम्स कारखानें बंद रहे।
शनिवार को वीवर एवं लूम मास्टरों के साथ हुई मीटिंग के बाद रविवार से कारखाना चालू होने पर सहमति बनी थी, लेकिन रविवार को मात्र 10 से 15 प्रतिशत ही कारखाने चालू रहे। इसके बाद सोमवार को लगभग 70 से 80 प्रतिशत कारखाने चालू हो गए हैं,लेकिन कारीगरों में अभी भी भय व्याप्त है। इन 6 दिनों में लूम्स कारखाने बंद होने से वीवर, सरकार, लूम्स मास्टर एवं कारीगर सहित कुल 40 से 45 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। 800 यूनिट से प्रतिदिन 30 लाख मीटर कपड़े तैयार होते हैं। इन 6 दिनों में तकरीबन 1 करोड़ 80 लाख मीटर कपड़े अब तक तैयार हुए होते जो विविध मिलों में पहुंचाकर साड़ियां एवं ड्रेस तैयार किए जाते।
उद्योग के सभी श्रमिकों से भयमुक्त होकर काम करने की अपील : विजय मांगुकिया
वीवर विजयभाई मांगुकिया ने लोकतेज से बताया कि भय के माहौल के बीच कारीगर कारखाने में आ रहे हैं। हालांकि अधिकांश कारखानें यानी तकरीबन 80 प्रतिशत कारखाने सोमवार से कार्यरत हो गए हैं। यहां जब कारखाने चलते हैं तो ही उड़ीसा के झोपड़ों एवं झारखंड के झोपड़ों में दिया एवं चूल्हा जलते हैं। इन 6 दिनों में लूम्स मास्टरों एव कारीगरों को मिलाकर कुल 90 लाख रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सभी कारखाने चालू होने के बाद हम अपने स्तर से लड़ाई लड़ेंगे और यह जानने का प्रयास करेंगे कि आखिर इस तरह का हरकत करता कौन है, उसकी मानसिकता क्या है और उसके पीछे कौन-कौन से लोग हैं। इस तरह से पोस्टर प्रकरण पिछले 5-6 सालों से लगातार दीपावली के समय होता आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस से पेशकश किए जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। सभी वीवर अपने स्तर से इस मामले के समाधान में लगे हुए हैं।
उन्होंने 100 प्रतिशत उत्पादन शुरू होने के बाद विवर्स पोस्टर लगाने वाले तो ढूंढने का प्रयास करेंगे। पोस्टर लगाने वाले का सूरत के उद्योगों में सार्वजनिक जुलूस निकालने का विवर्सो ने मांग की है। उद्योगों और सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होने के कारण आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई है।